खौफ का दूसरा नाम कहे जाने वाले मुख्तार अंसारी पर 60 से भी अधिक केस दर्ज थे। दंबगई, रंगदारी, जबरन वसूली और हत्या जैसे आरोप यूपी के इस डॉन पर लगे थे।
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मुख्तार अंसारी न्यूज़
अतीक के बाद मुख्तार अंसारी; सलाखों के पीछे मौत, जनाजे में न पत्नी न बेटा, एक जैसा सबसे बड़ा अपराध
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अतीक अहमद की तरह मुख्तार अंसारी का भी नाम हत्या, हत्या के प्रयास, रंगदारी, धमकी के मामलों में लगातार आता रहा। तीन दशक तक दोनों कानून को अपने हाथों में लेकर खेलते रहे। दोनों ने अपराध की दुनिया से राजनीति में एंट्री ली। अपना गैंग बनाया। सबसे बड़ा अपराध भी दोनों ने किया तो कारण एक ही था। यहां तक कि हत्या का अंदाज भी एक ही रहा। अतीक और मुख्तार की मौत भी न्यायिक और पुलिस हिरासत में हुई। अंतर केवल इतना था कि अतीक को गोली बरसा कर मौत के घाट उतारा गया, मुख्तार जेल में ही दम तोड़ गया। यहीं नहीं, न अतीक के जनाजे में पत्नी और बेटा शामिल हुआ। और न अब मुख्तार का अंतिम बार चेहरा देखने पत्नी और बेटे के आने की कोई संभावना नजर आती है।
माफिया मुख्तार अंसारी का शव बांदा के मेडिकल कॉलेज में पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया है। शव को सुपुर्दे खाक के लिए गाजीपुर के लिए रवाना भी कर दिया गया है। मुख्तार के पिता और मां के बगल में ही उसका कब्र खोद दिया गया है। मुख्तार का शव पहले उसके घर फाटक पहुचेगा। इसके बाद वहीं से जनाजा कालीबाग स्थित कब्रिस्तान के लिए रवाना होगा। एक तरफ गाजीपुर में मुख्तार के शव का इंतजार हो रहा है तो दूसरी तरफ उसकी पत्नी अफ्शां अंसारी को लोगों की नजरें उसी तरह खोज रही हैं जिस तरह अतीक अहमद के जनाजे के दौरान उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन को खोज रही थीं।
अतीक की तरह मुख्तार अंसारी का अंतिम बार चेहरा उसका बेटा भी नहीं देख सकेगा। अतीक के जनाजे के दौरान एक बेटा कुछ दिन पहले ही पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया गया था तो दो बेटे संरक्षण गृह औऱ एक जेल में बंद था। अब मुख्तार अंसारी का बड़ा बेटा अब्बास अंसारी भी जेल में है। उसे जनाजे में शामिल होने की इजाजत नहीं मिल सकी है। हाईकोर्ट और सु्प्रीम कोर्ट में लगाई गई उसकी अर्जी पर सुनवाई ही नहीं हो सकी है।
एक जैसी रंजिश और अदावत की कहानी
अतीक के नाम सबसे बड़ा अपराध राजू पाल हत्याकांड था। इसमें अतीक के गुर्गों ने तब विधायक रहे राजू पाल को घेर कर गोलियां बरसाईं थी। राजू पाल के साथ रहे लोग भी मारे गए थे। इसी तरह मुख्तार पर विधायक कृष्णा नंद राय की सनसनीखेज हत्या का आरोप था। कृष्णा नंद राय को भी घेर कर गोलियां बरसाईं गई औऱ जो भी उनके साथ था सभी मारे गए थे।
राजू पाल और कृष्णा नंद राय का दोष भी एक ही था। राजू पाल ने अतीक अहमद के भाई अशरफ को चुनाव में हराया था तो कृष्णानंद राय ने मुख्तार अंसारी की भाई अफजाल अंसारी को हरा दिया था। संयोग से राजू पाल हत्याकांड का फैसला भी आज तब आया है जब मुख्तार अंसारी का शव मोर्चरी में पड़ा पोस्टमार्टम का इंतजार कर रहा था।
राजू पाल के चुनाव जीतने के बाद शुरू हुई थी टसल
2004 के लोकसभा चुनाव में अतीक के फूलपुर से सांसद चुने जाने के बाद शहर पश्चिमी सीट खाली हुई थी, जिस पर 2004 दिसंबर में उप चुनाव हुआ था। इस चुनाव में सपा से अतीक का भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ प्रत्याशी था तो बसपा ने राजू पाल को उतारा था। राजू पाल ने अशरफ को हरा दिया था, अशरफ इस हार को बर्दाश्त नहीं कर सका। इसी टसल में 25 जनवरी 2005 को राजू पाल की सरेआम हत्या कर दी गई थी।
कृष्णानंद के चुनाव जीतते ही बढ़ गई रंजिश
कृष्णानंद राय ने मुख्तार और अफजाल अंसारी के गढ़ माने जाने वाले मुहम्मदाबाद में 2002 का विधानसभा चुनाव जीत लिया था। वह अफजाल अंसारी को हराकर बीजेपी विधायक बने थे। इससे अंसारी बंधुओं और कृष्णानंद राय के बीच दुश्मनी और बढ़ गई। 2005 में कृष्णानंद को घेर कर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं गईं। उनके साथ सात लोगों की हत्या कर दी गई थी।
उमर बेटा, जहर दे दिया है, अब बचूंगा नहीं; बेटे का दावा, मुख्तार ने कल जेल से फोन पर कहा था
मुख्तार अंसारी की मौत के बाद अब उसका एक ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस ऑडियो में मुख्तार अंसारी अपने छोटे बेटे उमर अंसारी से बात कर रहा है। जहर देने की बात भी मुख्तार ऑडियो में कह रहा है।
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मुख्तार अंसारी का आर्थिक साम्राज्य तबाह करने में जुटी ईडी-आयकर विभाग की टीम, अब दिल्ली और पंजाब में होगा एक्शन
Mukhtar Ansari News: उत्तर प्रदेश में माफिया मुख्तार अंसारी एक बार फिर सुर्खियों में है. इस बार वह अपनी बेनामी सम्पत्तियों के कारण जांच एजेंसियों के निशाने पर है. मुख्तार अंसारी ने अपनी ताकत और रसूख के दम पर उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में अकूत बेनामी सम्पत्ति खड़ी की. इसके लिए कहीं लोगों को धमकी देकर उनकी जमीनों पर कब्जा किया गया तो कहीं अपने करीबी लोगों के नाम पर करोड़ों की जमीन कौड़ियों के भाव में खरीदी. मुख्तार अंसारी की बेनामी संपत्तियों की जांच पड़ताल में कई अहम खुलासे हुए हैं. लखनऊ में आयकर विभाग की टीम ने बीते दिनों डालीबाग में ऐसी संपत्ति की है. वहीं अब अन्य राज्यों में भी इस तरह की कई प्रापर्टी का पता चला है. इन पर भी शिकंजा कसने का प्लान तैयार कर लिया गया है.
ऑपरेशन पैंथर के जरिए आयकर विभाग ले रहा एक्शन
आयकर विभाग मुख्तार के अवैध तरीके से खड़े आर्थिक साम्राज्य को तबाह करने के लिए ऑपरेशन पैंथर चला रही है. टीम को गहन जांच पड़ताल के बाद 23 संपत्तियों की जानकारी मिली थी, जिन्हें लखनऊ से लेकर गाजीपुर तक जब्त किया जा रहा है. डालीबाग के जिस प्लाट को आयकर विभाग ने जब्त किया है वह पहले मुख्तार की पत्नी अफ्शां के नाम पर था. बाद में इसे रियल एस्टेट कारोबारी गणेश दत्त मिश्रा के नाम कर दिया गया था. इसके बाद गणेश मिश्रा ने इसे मुख्तार की करीबी महिला रिश्तेदार के नाम पर स्थानांतरित कर दिया था.
इसी प्रकार कई संपतियों को मुख्तार ने अपनी काली कमाई से खरीद कर उन्हें गणेश मिश्रा के नाम पर स्थानांतरित करवाया था. बाद में गणेश मिश्रा ने उन्हें किसी दूसरे के नाम पर कर दिया. इन संपत्तियों की खरीद व बिक्री से संबंधित दस्तावेजों की पड़ताल की जा रही है. ऑपरेशन पैंथर के तहत दो और संपत्तियों को जल्द जब्त किया जा सकता है. आयकर विभाग की टीम ने इसकी तैयारी कर ली है.
दो राज्यों में मुख्तार से जुड़ी 24 से ज्यादा संपत्तियों का खुलासा
खास बात है कि मुख्तार अंसारी के खिलाफ कई जांच एंजेंसी काम कर रही हैं. आयकर विभाग के साथ प्रवर्तन निदेशालय भी अपनी जांच पड़ताल में जुटा है. ईडी की टीम मुख्तार अंसारी की पंजाब और दिल्ली की संपत्तियों पर कानूनी शिकंजा कसने जा रही है. बताया जा रहा है कि ईडी को इन दो राज्यों में मुख्तार और उसके लोगों से जुड़ी 24 से ज्यादा संपत्तियों का पता लगा है.
कानूनी मामलों में फंसने से बचने के लिए दूसरों के नाम खरीदी प्रापर्टी
जांच में सामने आया है कि मुख्तार ने अपने करीबी जितेंद्र सापरा के नाम से दिल्ली, लखनऊ और वाराणसी में तमाम संपत्तियों को खरीदा है. जितेंद्र सापरा के जरिए मुख्तार ने अपनी काली कमाई के करोड़ों रुपए रियल एस्टेट में निवेश किये थे. इसी तरह विकास कंस्ट्रक्शन के नाम पर भी उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड इलाके में कई जमीन खरीदी गई. ईडी उरई और जालौन में 3.50 करोड़ कीमत की संपत्तियों को कुछ समय पहले जब्त कर चुकी है. हालांकि कहा जा रहा है कि मुख्तार अंसारी से संबंधित अभी भी कई ऐसी अकूत संपत्तियां हैं, जिनका जांच एजेंसियों का पता लगाना बाकी है. मुख्तार ने जरायम की दुनिया में अपने नाम की बदौलत बड़ा आर्थिक साम्राज्य खड़ा किया, उसने अपने करीबी लोगों के नाम से प्रापर्टी खरीदी, जिससे वह कानूनी मामलों में न फंस सके.
गैंगस्टर मामले में जमानत हो चुकी है मंजूर, पत्नी अब तक फरार
मुख्तार अंसारी इस समय बांदा जेल में बंद है. बीते दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट से उसे राहत मिली है. हाईकोर्ट ने गैंगस्टर मामले में उसकी जमानत मंजूर करने के साथ जुर्माने पर भी रोक लगाई है. हालांकि दस साल सजा पर रोक लगाए जाने की मुख्तार अंसारी की अपील को हाईकोर्ट ने नहीं माना. सजा के खिलाफ दाखिल अपील पर हाईकोर्ट में सुनवाई जारी है. गाजीपुर की एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट ने 29 अप्रैल को गैंगस्टर मामले में मुख्तार अंसारी को सजा सुनाई थी. मुख्तार अंसारी 12 साल 4 महीने से जेल में बंद हैं. वहीं उसकी पत्नी आफ्शा अंसारी भी कानून की नजरों में मुजरिम है. उस पर 50 हजार का इनाम घोषित है. पुलिस काफी कोशिशों के बाद भी आफ्शा अंसारी का सुराग नहीं तलाश सकी है.