इसके बाद उद्धव ठाकरे और उर्फ के नेतृत्व में शिवसेना द्वारा एक विशाल मोर्चा निकाला गया महा विकास अघाड़ी घटना के खिलाफ, उसके बाद ही ठाणे पुलिस हरकत में आई।
एक सूत्र ने कहा कि अगर पुलिस ने पहले ही तेजी से कार्रवाई की होती तो स्थिति नियंत्रण में होती।
प्रारंभिक जांच जांच में एनसी को सीआरपीसी की धारा 155 (2) के तहत किया गया था, जहां उन्हें मजिस्ट्रेट अदालत से अनुमति लेनी पड़ी थी, जो कसरवडावली पुलिस को मिली थी।
जांच से जुड़े एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि कसरवडवली पुलिस को मंगलवार को शिंदे की शिकायत मिली। प्रथम दृष्टया पुलिस के अनुसार घटना राजनीतिक रंजिश के चलते हुई है। उसे जो चोटें आई हैं वह सामान्य हैं।
पुलिस ने दो महिलाओं के बयान भी लिए, जिन्हें ‘गवाह’ बताया जा रहा है। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि कहासुनी हुई थी और दो महिलाओं ने शिंदे को थप्पड़ मारा था। कुछ तमाशबीनों ने बीच-बचाव किया। साथ ही शिंदे द्वारा दी गई शिकायत को पूरी तरह सच भी नहीं कहा जा सकता है।
मामला संवेदनशील होने के कारण भारतीय दंड संहिता की धारा 323 के तहत एनसी दर्ज की गई और मजिस्ट्रेट अदालत ने शिकायत की आगे जांच करने की अनुमति दी है।
उधर, महिला आयोग ने इस मुद्दे पर ठाणे पुलिस को नोटिस जारी किया और पता चला है कि पुलिस ने इसका जवाब दे दिया है।
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