अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस के फ्रीज खातों का मुद्दा उठाकर फजीहत करने वाले अमेरिका के भारत को लेकर तेवर ढीले पड़ गए हैं। अब उसने कहा है कि भविष्य देखना है तो भारत आओ।
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भारत अमेरिका संबंध
इंडिया-यूएस संबंधों का जिक्र कर बोले पूर्व NSA जॉन बोल्टन, ‘चीन को बस भारत रोक सकता है’
India USA Relation: पूर्व अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जॉन बोल्टन ने बढ़ते भारत-अमेरिका के संबंधो को और मजबूत करने पर जोर दिया. उन्होंने वैश्विक समुदाय में भारत के बढ़ते कद की तारीफ करते हुए कहा कि भारत ही एक ऐसा देश है जो आने वाले समय में चीन को रोकने की ताकत रखता है.
वाशिंगटन एक्जामिनर के लिए लिखते हुए, बोल्टन ने कहा, ‘भारत और अमेरिका मिलकर चीन की बेल्ट रोड परियोजना को रोकने पर काम कर रहे हैं. वैश्विक मंच पर अपने प्रभाव का दावा करने की भारत की इच्छा के प्रमाण के रूप में चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) का मुकाबला करने के लिए संयुक्त अमेरिका-भारत प्रयास की ओर इशारा किया. बीआरआई, चीन की एक विशाल बुनियादी ढांचा निवेश परियोजना है, जिसने पूरे एशिया और उसके बाहर बीजिंग के आर्थिक और राजनीतिक प्रभाव को बढ़ाने की इसकी क्षमता के बारे में आशंका पैदा कर दी है.’
‘बिना शक, चीन को रोकेगा भारत’
जॉन बोल्टन ने आगे लिखा कि अगर सभी पक्षों को देखें तो बिना शक भारत के अंदर चीन का रोकने की ताकत है. इसके अलावा बोल्टन ने कतर में पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारियों से जुड़े चल रहे मामले पर भी अपनी बातें साझा कीं. उन्होंने कहा, इस मामले ने निस्संदेह मिडिल ईस्ट के साथ भारत के जटिल संबंधों और अपने पारंपरिक सहयोगियों से परे देशों के साथ खुफिया मामलों पर सहयोग करने की इच्छा को सामने ला दिया है.
उन्होंने कहा, ‘हमास के आतंकवाद को खत्म करने और अपने ईरानी कठपुतली आकाओं को रोकने के लिए इजरायल के मौजूदा युद्ध से भारत के लिए प्रभाव महत्वपूर्ण हैं, जिससे दोनों देशों के लिए अवसर खुल रहे हैं लेकिन स्थिति एक जटिल और कठिन क्षेत्र में जोखिम भी पेश करती है. इसके अलावा उन्होंने अमेरिक द्वारा कोलंबो में बनाए जा रहे पोर्ट को लेकर भी भारत के अडानी ग्रुप की भागीदारी पर जोर दिया.
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एक टेबल पर साथ भारत-अमेरिका, दिल्ली में ‘टू प्लस टू’ बैठक आज, जानें किन मुद्दों पर होगी बात
US-India Relations: भारत और अमेरिका के बीच पिछले एक दशक में संबंधों में गर्मजोशी देखने को मिली है. दोनों देशों के नेता लगातार वैश्विक मंचों के इतर भी मुलाकात करते रहे हैं. ऐसी ही एक मुलाकात एक बार फिर से नई दिल्ली में हो रही है. दरअसल, भारत और अमेरिका के बीच ‘टू प्लस टू’ विदेश और रक्षा मंत्रिस्तरीय वार्ता होने वाली है. इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन भारत आ चुके हैं.
शुक्रवार (10 नवंबर) को हो रही ‘टू प्लस टू’ विदेश और रक्षा मंत्रिस्तरीय वार्ता के दौरान जहां अमेरिका का प्रतिनिधित्व लॉयड ऑस्टिन और एंटनी ब्लिंकन करेंगे. वहीं, भारत की ओर से इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर हिस्सा लेंगे. लॉयड ऑस्टिन जब गुरुवार को दिल्ली पहुंचे, तो उन्हें एयरपोर्ट पर ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ भी दिया गया. उनका स्वागत खुद रक्षा मंत्री राजनाथ ने किया. ऐसे में आइए जानते हैं कि इस बैठक में किन मुद्दों पर बात होगी.
कैसा रहेगा आज का कार्यक्रम?
अमेरिका के दोनों शीर्ष नेता लॉयड ऑस्टिन और एंटनी ब्लिंकन भारत आ चुके हैं. ऐसे में सुबह 10 बजे सबसे पहले भारत और अमेरिका के नेता सुषमा स्वराज भवन पहुंचेंगे. यहां पर ग्रुप फोटो ली जाएगी और ओपनिंग रिमार्क्स होगा. दोपहर एक बजे सुषमा स्वराज भवन में ही संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की जाएगी. इसमें द्विपक्षीय मुद्दों पर सवाल-जवाब होंगे. दोपहर दो बजे राजनाथ सिंह और लॉयड ऑस्टिन के बीच द्विपक्षीय वार्ता शुरू होगी.
किन मुद्दों पर होगी चर्चा?
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, ‘टू प्लस टू’ बैठक के दौरान रक्षा और सुरक्षा सहयोग बढ़ाने, टेक्नोलॉजी वैल्यू चैन कॉओपरेशन और दोनों देशों के लोगों के बीच संबंधों को बढ़ाने पर बात होगी. इस साल जून और सितंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच मुलाकात हुई. इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका साझेदारी के भविष्य के रोडमैप को कैसे तैयार करना है, इस पर बात की. ‘टू प्लस टू’ बैठक के दौरान इसे आगे ले जाने पर बात की जाएगी.
चीन से निपटने के लिए तैयार किए गए क्वाड पर भी दोनों देशों के नेता बात करने वाले हैं. जहां इस बैठक का मुख्य मकसद भारत-अमेरिका के रिश्तों पर बात करना है. वहीं इसमें वैश्विक मुद्दे भी चर्चा के केंद्र में रहने वाले हैं. यूरोप में चल रहा यूक्रेन युद्ध और मिडिल ईस्ट में हो रहे इजरायल-हमास युद्ध पर भी बात की जाएगी. इन मुद्दों पर एक एजेंडा तैयार करने पर भी चर्चाएं चल रही हैं. इसके अलावा भारत-अमेरिका रिश्तों को कैसे मजबूत करना है, इस पर भी बात की जाएगी.
‘टू प्लस टू’ बैठक के इतर भी होगी बैठक
नई दिल्ली में हो रही पांचवीं ‘टू प्लस टू’ बैठक के बाद जयशंकर और राजनाथ अपने-अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे. विदेश मंत्री जयशंकर अमेरिकी समकक्ष एंटनी ब्लिंकन और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अमेरिकी समकक्ष लॉयड ऑस्टिन के साथ बैठक करेंगे. रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि राजनाथ और लॉयड ऑस्टिन डिफेंस और टेक्नोलॉजी पर बात कर सकते हैं. जबकि विदेश मंत्री जयशंकर का ब्लिंकन के साथ चर्चा का विशेष वैश्विक मुद्दे हो सकते हैं.
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निज्जर हत्या मामले पर कनाडा बोला- करें सार्वजनिक निंदा, बाइडेन प्रशासन ने नहीं माना प्रस्ताव
India Vs Canada: खालिस्तान समर्थकों के खिलाफ भारत के दो टूक रवैये के चलते कनाडा के साथ संबंध तनावपूर्ण स्थिति में हैं. इस बीच एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अमेरिका ने सिख अलगाववादी नेता की हत्या के मामले में जांच के परिणामों की घोषणा करने में कनाडा के साथ शामिल होने में इनकार कर दिया है.
वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले दिनों कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने उन आरोपों को हवा दी थी कि ब्रिटिश कोलंबिया में एक सिख अलगाववादी नेता की हत्या के पीछे भारतीय अधिकारी हो सकते हैं.
कनाडा ने अमेरिका समेत अपने करीबी सहयोगियों से सार्वजनिक रूप से हत्या की निंदा करने के लिए कहा था. इस पर बाइडेन प्रशासन और उसके सहयोगियों ने कूटनीति संतुलन के मद्देनजर कनाडा के प्रस्ताव को खारिज कर दिया क्योंकि इससे वे चीन के लिए एक महत्वपूर्ण जवाब के रूप में देखी जाने वाली एशियाई शक्ति (भारत) को कटघरे में लाने का काम करते.
फाइव आईज के अधिकारियों ने निजी तौर पर उठाया था निज्जर की हत्या का मामला
रिपोर्ट के मुताबिक, खुफिया गठबंधन फाइव आईज में शामिल देशों के वरिष्ठ अधिकारियों ने दिल्ली में हुए जी20 शिखर सम्मेलन से पहले के हफ्तों में निजी तौर पर कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की कथित हत्या का मामला उठाया था. बता दें कि भारत ने निज्जर को आतंकी घोषित किया था, जिसकी 18 जून को कथित तौर पर हत्या हुई थी.
रिपोर्ट में कहा गया कि एक पश्चिमी अधिकारी ने राजनयिक संवेदनशील के कारण नाम ने प्रकाशित करने की शर्त पर कहा कि जी20 बैठक से पहले सार्वजनिक रूप से मामले का जिक्र नहीं किया गया. पश्चिमी नेताओं को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए एक अहम उभरती हुई पार्टी के तौर पर देखा गया.
भारतीय राजनयिक को लेकर कनाडाई अधिकारियों ने किया ये दावा
रिपोर्ट में कहा गया कि सोमवार को संसद के समक्ष ट्रूडो की ओर से की गई आरोपों की घोषणा ने भारत और कनाडा के संबंधों में एक बड़ी दरार पैदा कर दी. इसके चलते ओटावा में एक भारतीय राजनयिक को निष्कासित कर दिया गया. कनाडाई अधिकारियों ने दावा किया कि वह एक्टर्नल इंडियन इंटेलिजेंस सर्विस का एक स्टेशन प्रमुख था. जवाब में नई दिल्ली ने एक कनाडाई राजनयिक को निकाल दिया, मीडिया के अनुसार जिसकी पहचान भारत में शीर्ष कनाडाई जासूस के रूप में की गई.
जस्टिन ट्रूडो बोले, ‘भारत सरकार को मामले को बेहद गंभीरता से लेने की जरूरत’
ट्रूडो ने मंगलवार ओटावा में मीडिया से कहा कि भारत सरकार को इस मामले को बेहद गंभीरता से लेने की जरूरत है.” उन्होंने कहा, ”हम वह कर रहे हैं. हम भड़काने या बढ़ाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं. हम तथ्यों को वैसे ही सामने रख रहे हैं जैसे हम उन्हें समझते हैं और हम हम भारत सरकार के साथ काम करना चाहते हैं.”
ट्रूडो ने कहा, ”यह अत्यंत गंभीर है और अंतरराष्ट्रीय कानून में इसके दूरगामी परिणाम होंगे…” उन्होंने कहा, हम शांत रहेंगे. हम अपने लोकतांत्रिक सिद्धांतों और मूल्यों पर कायम रहेंगे. हम सबूतों का पालन करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि काम सबके लिए किया जाए.”
भारत सरकार ने जस्टिन ट्रूडो के आरोपों को बताया बेतुका
भारत सरकार ने मंगलवार (19 सितंबर) को एक बयान जारी कर कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो के आरोपों को बेतुका और प्रेरित करार देते हुए खारिज कर दिया. भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि आरोप खालिस्तानी आतंकियों और चरमपंथियों से ध्यान हटाने की कोशिश करते हैं, जिन्हें कनाडा में शरण दी गई है और जो भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए खतरा बने हुए हैं. बयान में कहा गया कि इस मामले पर कनाडाई सरकार की निष्क्रियता लंबे समय से और निरंतर चिंता का विषय रही है.
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