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आयकर विभाग ने उन टैक्सपेयर्स को ईमेल और एसएमएस भेजने शुरू कर दिया है, जिनका चालू वित्त वर्ष के दौरान किया गया टैक्स पेमेंट उनके वित्तीय लेनदेन से मेल नहीं खा रहा है। विभाग ने रविवार को यह जानकारी दी। विभाग इसके लिए ई-अभियान चला रहा है।
वित्तीय लेनदेन में बेमेल वाले पर नजर: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान अबतक भुगतान किए गए टैक्स के विश्लेषण के आधार पर, विभाग ने ऐसे व्यक्तियों/संस्थानों की पहचान की है, जिनके वित्त वर्ष 2023-24 (आकलन वर्ष 2024-25) के लिए किया गया टैक्स पेमेंट उनके द्वारा किए गए वित्तीय लेनदेन के अनुरूप नहीं है। ऐसे व्यक्तियों और संस्थानों को ईमेल और एसएमएस के जरिए इसके बारे में सूचित किया जा रहा है।
22 000 टैक्सपेयर्स को नोटिस
बताया जा रहा है कि विभाग ने पिछले दिनों 22 हजार आयकरदाताओं को सूचना नोटिस जारी किए हैं। इनके द्वारा आयकर रिटर्न में किया गया कर कटौती का दावा फॉर्म-16 या एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) या फिर आयकर विभाग के आंकड़ों से मेल नहीं खा रहा है। विभाग का कहना है कि अगर आयकरदाता इस सूचना नोटिस का कोई जवाब नहीं देते हैं या कोई स्पष्टीकरण नहीं दे पाते हैं तो फिर उन्हें आयकर विभाग कर मांग नोटिस भेजेगा।
15 मार्च तक एडवांस टैक्स भुगतान मौका: विभाग ने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य करदाताओं को अलर्ट करना है ताकि वे अपनी एडवांस टैक्स गणना करने, आयकर रिटर्न यानी आईटीआर सही से भरने और बकाया एडवांस टैक्स अंतिम तिथि 15 मार्च या उससे पहले जमा करा सकें। आयकर विभाग ने कहा कि अगर किसी आयकरदाता पर टैक्स देनदारी बन रही है तो वह ब्याज के साथ बकाया टैक्स भुगतान कर सकता है और अपडेट रिटर्न दाखिल कर सकता है।
एआईएस रिपोर्ट जांचें: विभाग ने सलाह दी है कि ऐसे करदाता ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाकर अपनी वार्षिक सूचना रिपोर्ट (AIS) देखें। इसके जरिए किसी भी प्रकार की गलती की पहचान की जा सकती है। यदि यहां कोई चूक दिखती है तो आप अपडेट आयकर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। आयकर विभाग की वेबसाइट (www.incometax.gov.in) पर लॉगइन करके या एआईएस ऐप डाउनलोड करके वार्षिक स्टेटमेंट जानकारी हासिल की जा सकती है।
क्या होता है एआईएस
एनुअल इफॉमेशन स्टेटमेंट (AIS) आयकर के वित्त वर्ष के दौरान हुए लेनदेन का पूरा ब्योरा रखता है। यह रिटर्न दाखिल करने में काफी काम आता है। इसमें हर लेनदेन की अतिरिक्त जानकारी होती है। इसमें कुल वार्षिक आय. कितना किराया प्राप्त किया, बैंक बैलेंस, कितनी नकदी जमा की, कितनी नकदी निकाली, क्रेडिट और डेबिट कार्ड के लेनदेन, डिविडेंट, बचत खाते पर कितना ब्याज मिला, शेयर और म्युच्युअल फंड की खरीद-फरोख्त, विदेश यात्रा, संपत्ति की खरीद-फरोख्त इत्यादि का विस्तृत ब्योरा शामिल होता है।
ऐसे कर सकते हैं सुधार
- – इसके लिए ई-फाइलिंग वेबसाइट https://eportal.incometax.gov.in पर कंप्लायंस पोर्टल पर व्यवस्था की गई है।
- – पहचानी गई बेमेल जानकारी का ‘ई-वेरिफिकेशन’ टैब यहां उपलब्ध होगा। इस पर क्लिक कर ऑन-स्क्रीन जवाब देना होगा।
- – जो करदाता पहले से ही वेबसाइट पर पंजीकृत हैं, वे अपने खाते में लॉग इन करने के बाद ऐसा कर पाएंगे।
- – और जो पंजीकृत नहीं हैं, उन्हें पहले पहले ई-फाइलिंग वेबसाइट पर पंजीकरण प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
- – अगर करदाता ने ‘अन्य’ श्रेणी के तहत ब्याज से होने वाली आय का खुलासा किया है, तो उसे ब्याज से होने वाली आय से संबंधित विसंगति का जवाब देने की आवश्यकता नहीं है।
- – ऐसी स्थिति में विसंगति का समाधान अपने आप हो जाएगा और वेबवाइट पर पूर्ण का अपडेट दिखाई देने लगेगा।