G 20 Summit 2023: भारत, अमेरिका और सऊदी अरब…ने भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा को लेकर समझौते पर किए साइन, हिंदुस्तान को होगा ये फायदा
जी20 शिखर सम्मेलन
G20 ने धार्मिक प्रतीकों, पवित्र पुस्तकों के खिलाफ धार्मिक घृणा के कृत्यों की निंदा की
G20 Summit India: जी20 समूह ने शनिवार (9 सितंबर) को व्यक्तियों, धार्मिक प्रतीकों और पवित्र पुस्तकों के खिलाफ धार्मिक घृणा के सभी कृत्यों की कड़ी निंदा की. भारत की अध्यक्षता में हुई इस समूह के नेताओं की बैठक में दिल्ली घोषणापत्र को स्वीकार किया गया जिसमें उन्होंने धर्म या आस्था की स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति की आजादी और शांतिपूर्ण सभा के अधिकार पर जोर दिया.
दिल्ली घोषणापत्र में क्या कहा गया?
घोषणापत्र में कहा गया, ‘‘हम संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव ए/आरईएस/77/318, विशेष रूप से धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता, संवाद और सहिष्णुता के प्रति सम्मान को बढ़ावा देने की इसकी प्रतिबद्धता पर ध्यान देते हैं.”
इसमें कहा गया, ”हम इस बात पर भी जोर देते हैं कि धर्म या आस्था की स्वतंत्रता, राय या अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, शांतिपूर्ण सभा का अधिकार और सहचर्य की स्वतंत्रता का अधिकार एक दूसरे पर आश्रित, अंतर-संबंधित और पारस्परिक रूप से मजबूत हैं और उस भूमिका पर जोर देते हैं ये अधिकार धर्म या आस्था के आधार पर सभी प्रकार की असहिष्णुता और भेदभाव के खिलाफ लड़ाई में निभाई जा सकती है.’’
जी20 ने अपने संयुक्त घोषणापत्र में कहा, ‘‘इस संबंध में हम धार्मिक प्रतीकों और पवित्र पुस्तकों सहित घरेलू कानूनी ढांचे के प्रति पूर्वाग्रह के बिना व्यक्तियों के खिलाफ धार्मिक घृणा के सभी कृत्यों की कड़ी निंदा करते हैं.
दुनिया के हर धर्म को मिला भारत में सम्मान- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी20 बैठक की शुरुआत में अपने संबोधन में कहा, ‘‘भारत आस्था, आध्यात्मिकता और परंपराओं की विविधताओं वाला देश है. दुनिया के कई प्रमुख धर्मों ने यहां जन्म लिया और दुनिया के हर धर्म को यहां सम्मान मिला है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘लोकतंत्र की जननी होने के नाते संवाद और लोकतांत्रिक सिद्धांतों में हमारा विश्वास अनादि काल से अटूट रहा है. हमारा वैश्विक आचरण ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के मूलभूत सिद्धांत में निहित है, जिसका अर्थ है ‘विश्व एक परिवार है’.
मुंबई पाव, कश्मीरी कहवा…. जानें जी-20 डिनर में मेहमानों को क्या परोसा गया
G20 Summit 2023 Dinner Menu: दिल्ली के प्रगति मैदान में जी-20 समिट का आयोजन किया जा रहा है. शनिवार (9 सितंबर) को सम्मेलन के पहले दिन सेशन के आयोजन के साथ नेताओं की द्विपक्षीय बैठकों का दौर चला. इसके बाद देर शाम को भारत मंडपम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मेजबानी में डिनर का आयोजन किया गया.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री मोदी ने शिखर सम्मेलन स्थल पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन सहित जी-20 नेताओं और प्रतिनिधियों का स्वागत किया. डिनर में मेहमानों को भारतीय व्यंजनों का स्वाद चखाया गया.
मेनू की शुरुआत इस परिचय के साथ होती है कि भारत, अपनी सारी विविधता के साथ, ‘स्वाद’ से कैसे जुड़ा है. मेनू में लिखा है, “परंपराओं, रीति-रिवाजों और जलवायु का मिश्रण, भारत कई मायनों में विविध है, स्वाद हमें जोड़ता है.” मेनू में बाजरा का भी विशेष जिक्र है. आपको बताते हैं कि डिनर के मेनू में क्या-क्या शामिल रहा.
ये रहा डिनर का मेनू-
स्टार्टर में
पात्रम- दही के गोले और भारतीय मसालेदार चटनी से सजे कंगनी श्रीअन्न लीफ क्रिस्प्स.
मुख्य भोजन में-
वनवर्णम- ग्लेज्ड फॉरेस्ट मशरूम, कुटकी श्रीअन्न क्रिस्प और करी पत्ते के साथ तैयार केरल लाल चावल के साथ परोसे गए कटहल गैलेट.
भारतीय रोटियों में-
मुंबई पाव- कलौंजी के स्वाद वाले मुलायम बन
बाकरखानी- इलायची के स्वाद वाली मीठी रोटी
मीठे में-
मधुरिमा स्वर्ण कलश- इलायची की खुशबू वाला सांवा का हलवा, अजीर-आडू मुरब्बा और अंबेमोहर राइस क्रिस्प्स
पेय पदार्थ में-
कश्मीरी कहवा, फिल्टर कॉफी और दार्जीलिंग चाय
और आखिर में- पान के स्वाद वाली चॉकलेट लीव्स
डिनर के लिए तैयार की गई व्यंजन सूची में ऐसे व्यंजन शामिल किए गए जो भारत में मॉनसून के दौरान खाए जाते हैं. राष्ट्राध्यक्षों और अन्य विश्व नेताओं को भोजन का एक अनोखा अनुभव दिया गया, जिसमें भारत की समृद्ध संस्कृति और विरासत की झलक दिखाते हुए चांदी और सोने की परत वाले बर्तनों पर खाना परोसा गया.
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जी-20 समिट में नई दिल्ली के घोषणापत्र को मिली मंजूरी, पीएम मोदी ने कहा थैंक्यू
New Delhi G20 Leaders Summit Declaration: दिल्ली के प्रगति मैदान में जी-20 शिखर सम्मेलन चल रहा है. सम्मेलन के पहले दिन शनिवार (9 सितंबर) को नई दिल्ली जी-20 साझा घोषणापत्र को मंजूरी दी गई. समिट के दूसरे सेशन में पीएम मोदी (PM Modi) ने इस बारे में घोषणा करते हुए हुए जी-20 शेरपाओं, मंत्रियों और सभी अधिकारियों को धन्यवाद दिया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “एक खुशखबरी मिली है कि हमारी टीम के कठिन परिश्रम और आप सबके सहयोग से जी-20 लीडर समिट के डिक्लेरेशन पर सहमति बनी है. मेरा प्रस्ताव है कि लीडर्स डिक्लेरेशन को भी अपनाया जाए. मैं भी इस डिक्लेरेशन को अपनाने की घोषणा करता हूं.”
इन मुद्दों परे केंद्रित है नई दिल्ली जी-20 घोषणापत्र
घोषणापत्र को मंजूरी मिलने पर जी-20 शेरपा अमिताभ कांत ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “नई दिल्ली जी-20 घोषणापत्र मजबूत, टिकाऊ, संतुलित और समावेशी विकास, एसडीजी पर प्रगति में तेजी लाना, सतत भविष्य के लिए हरित विकास समझौता, 21वीं सदी के लिए बहुपक्षीय संस्थान और बहुपक्षवाद को पुनर्जीवित करने पर केंद्रित है.”
#WATCH | G-20 in India: PM Narendra Modi says, ” I have received good news. Due to the hard work of our team, consensus has been built on New Delhi G20 Leaders’ Summit Declaration. My proposal is to adopt this leadership declaration. I announce to adopt this declaration. On this… pic.twitter.com/7mfuzP0qz9
— ANI (@ANI) September 9, 2023
पीएम की वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन पर घोषणा
इस दौरान पीएम मोदी ने वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन के शुभारंभ की भी घोषणा की. प्रधानमंत्री मोदी ने जी20 शिखर सम्मेलन में कहा कि हम वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन बना रहे हैं और भारत आप सभी को इस पहल में शामिल होने के लिए आमंत्रित करता है. भारत ने पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण को 20 प्रतिशत तक ले जाने के लिए वैश्विक स्तर पर पहल का प्रस्ताव दिया है.
विकसित देशों से किया ये आह्वान
उन्होंने कहा कि भारत ने ‘पर्यावरण और जलवायु अवलोकन के लिए जी-20 उपग्रह मिशन’ शुरू करने का प्रस्ताव रखा है. मेरा प्रस्ताव है कि जी-20 देश ‘ग्रीन क्रेडिट पहल’ पर काम करना शुरू करें. विकसित देश इसमें बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.
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महिला नेतृत्व में विकास, डिजिटल ट्रांजेक्शन, क्लाइमेट चेंज…जी20 समिट में इन 6 एजेंडे पर चर्चा
G20 Summit 2023 India: जी-20 शिखर सम्मेलन (समिट) की बैठक आज से शुरू हो रहा है. इस शिखर सम्मेलन की मेजबानी भारत कर रहा है. दिल्ली में दुनिया भर से प्रतिनिधि सम्मेलन में भाग लेने के लिए पहुंच चुके हैं.
जी-20 समिट की इस बैठक में सबसे ज्यादा फोकस सतत विकास पर होगा, हालांकि सबकी निगाहें इस पर होंगी कि रूस-यूक्रेन का मुद्दा बैठक के दौरान उठता है या नहीं. विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का एक समूह के तौर पर शुरू हुए जी-20 में हाल के बरस में स्थायी ऊर्जा, अंतर्राष्ट्रीय ऋण, जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य सुरक्षा जैसे मुद्दों का विस्तार हुआ है.
भारत के जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने प्रेस काफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, ‘बैठक के दौरान जी-20 के नेताओं की ओर से की जाने वाली घोषणा ग्लोबल साउथ की आवाज को दुनिया के सामने रखेंगी.’
ग्लोबल साउथ को विकासशील या कम से कम विकसित देशों के तौर देखा जाता है. इस साल भारत ने जी-20 के लिए ‘वसुधैव कुटुंबकम: एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ का थीम तय किया है. इसके तहत भारत ने छह प्राथमिकताओं को रेखांकित है, जिसके तहत जी-20 बैठक इन प्राथमिकताओं को उठाया जाएगा. आइए जानते हैं क्या हैं वे विषय जिस पर शिखर सम्मेलन में चर्चा होगी?
ग्रीन डेवलपमेंट
जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान क्लाइमेट फाइनेंस (जलवायु वित्त) और टेक्नोलॉजी पर विशेष ध्यान होगा. वहीं भारत के लिए जलवायु परिवर्तन प्रमुख प्राथमिकता होगी. हाल ही में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत ने क्लाइमेट एक्शन में नेतृत्व दिखाया है और 2030 तक 50 प्रतिशत गैर-जीवाश्म स्थापित क्षमता हासिल करने की योजना बनाई है.
थिंक-टैंक स्ट्रैटेजिक पर्सपेक्टिव्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ‘भारत जी20 शिखर सम्मेलन में वैश्विक हरित विकास समझौते पर जोर दे सकता है, जिसमें क्लाइमेट फाइनेंस भी शामिल होगा. पर्यावरण के लिए जीवनशैली, सर्कुलर इकोनॉमी (चक्रीय अर्थव्यवस्था), सतत विकास की प्रगति में तेजी लाना, ऊर्जा परिवर्तन और ऊर्जा सुरक्षा मुद्दे पर भी विशेष ध्यान होगा.’
समावेशी विकास
वैश्विक स्तर पर संरचनात्मक परिवर्तन लाने के लिए भारत ने प्रमुख मूलभूत चुनौतियों को पहचाना है, जो साझा समृद्धि और प्रगति के लिए आवश्यक हैं. जी-20 समिट के दौरान भारत श्रम अधिकारों और कल्याण की वकालत करने के अलावा वैश्विक व्यापार क्षेत्र में छोटे और मध्यम आकार के उद्यमों की भागीदारी को बढ़ावा देने की बात करेगा. इसके अलावा लगातार बढ़ते वैश्विक कौशल के अंतर को संबोधित करना और समावेशी कृषि मूल्य श्रृंखला और खाद्य प्रणालियों का निर्माण भी बातचीत की केंद्र में होगा.
सतत विकास लक्ष्य
G20 शिखर सम्मेलन में सतत विकास के लिए 2030 के एजेंडे को प्रभाव में लाने के लिए विचार-विमर्श होगा, जिसमें विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के प्रभाव को केंद्र में रखकर चर्चा की जाएगी.
इस साल की शुरुआत में वाराणसी में जी20 की एक बैठक में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि एसडीजी हासिल करने के लिए लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण महत्वपूर्ण हैं.
इस बैठक में भारत ने सतत विकास लक्ष्य को लेकर एक नई सात-वर्षीय कार्य योजना जारी की थी जो सतत विकास के लिए डेटा और डिजिटल प्रौद्योगिकियों का उपयोग करने और उचित बदलावों को सुरक्षित करने के साथ-साथ महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास में निवेश करने पर केंद्रित है.
डिजिटल ट्रांसफॉरमेशन
डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे, डिजिटल अर्थव्यवस्था में सुरक्षा और डिजिटल कौशल भी शिखर सम्मेलन के दौरान चर्चा के केंद्र में रहेंगे. शिखर सम्मेलन के दौरान भारत की ओर से कृषि और शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटल परिवर्तन में तेजी लाने, वित्तीय समावेशन और यूपीआई जैसी डिजिटल भुगतान प्रणालियों को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया जाएगा.
समिट में मौजूद प्रतिनिधियों को भारत यह दिखाएगा कि कैसे एक अरब लोगों को आधार से जोड़ा गया, इसके अलावा यूपीआई से भुगतान कैसे किया जाता है, इसकी प्रकिया भी प्रतिनिधियों को दिखाई जाएगी.
बहुपक्षीय संस्थाएं
भारत ने हमेशा कहा है कि 21वीं सदी की चुनौतियों से निपटने के लिए बहुपक्षीय संस्थानों में सुधार करना समय की मांग है. बदलते भू-राजनीतिक परिदृश्य और ग्लोबल साउथ की नई विश्व व्यवस्था के तौर पर उभरने के बीच भारत ने माना है कि विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष जैसे बहुपक्षीय विकास बैंकों में सुधार की लंबे समय से जरूरत है.
इस मुद्दे को संयुक्त राज्य अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र का समर्थन मिला है. व्हाइट हाउस ने कहा है कि राष्ट्रपति जो बाइडेन जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान विश्व बैंक में सुधार पर ध्यान केंद्रित करेंगे और बाकी बहुपक्षीय विकास बैंकों से जलवायु परिवर्तन और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए ऋण को बढ़ावा देने का आग्रह करेंगे.
वहीं संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस जी20 सदस्य देशों से वर्तमान वास्तविकताओं के मुताबिक वैश्विक वित्तीय संस्थानों, नियमों और रूपरेखाओं के सुधार पर गंभीरता से विचार करने और विकासशील देशों को उन संसाधनों तक पहुंचने में सक्षम बनाने के लिए तैयार हैं, जिन्हें उन्हें सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने में निवेश करने की आवश्यकता है.
महिला नेतृत्व वाला विकास
बाकी विषयों से इतर महिला नेतृत्व विकास के मुद्दे पर भारत की काफी सराहना हो रही है. भारत की जी-20 अध्यक्षता के तहत लैंगिक समानता को बल मिला है. पीएम मोदी के “नारी शक्ति” के लक्ष्य को लेकर भारत सरकार लगातार विकास योजना और निर्णय लेने में महिलाओं को शामिल करने की वकालत कर रही है.
इस साल की शुरूआत में जी20 की कार्य समूह बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “भारत में, हम महिला सशक्तिकरण तक ही सीमित नहीं हैं. हमारा विकास महिलाओं के नेतृत्व वाला है. महिलाएं विकास का एजेंडा तय कर रही हैं और विकास और परिवर्तन की अगुवा भी हैं. मैं आपसे महिलाओं के लिए एक गेम-चेंजिंग कार्य योजना अपनाने का आग्रह करता हूं.”