गुजरात में एक पुलिस सब-इंस्पेक्टर छुट्टी लेने के लिए इस कदर बेचैन था कि उसने अपनी शादी का बहाना बनाया। उसने सगाई होने की बात कह कर छुट्टी ली साथ में एक फेक इन्विटेशन कार्ड अटैच कर दिया। फिर क्या हुआ?
Source link
गुजरात समाचार
जिस बिल्डिंग से निकली 7 लाशें, उसी में थे 4 फ्लैट, लेकिन सुसाइड नोट में…
Gujarat News: गुजरात के सूरत में एक अपार्टमेंट में शनिवार (28 अक्टूबर) को एक परिवार के सात लोगों की लाशें मिलने से सनसनी फैल गई. घटना अदजान इलाके की है. पुलिस इसे सामूहिक आत्महत्या का मामला मानकर चल रही है. पुलिस को एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है, जिसमें आर्थिक तंगी को कथित आत्महत्या का कारण बताया गया है.
हैरान करने वाली बात यह भी है कि जिस बिल्डिंग में सात शव पाए गए, उसी में एक मृतक शख्स के चार फ्लैट थे. हालांकि, सुसाइड नोट में लिखा गया कि दिया गया कर्ज वापस नहीं मिला.
बिस्तर और जमीन पर पड़े थे छह शव, एक फंदे पर मिला
पुलिस के मुताबिक, छह लोगों के शव बिस्तर और जमीन पर पड़े थे जबकि एक शव फंदे पर लटका मिला. संभवत: छह लोगों की मौत जहर खाने से हुई. फंदे पर लटके मिले शव की पहचान 37 साल के मनीष सोलंकी के रूप में हुई है, जो ठेकेदार के रूप मं काम करता था.
बरोट ने बताया कि घर से बरामद सुसाइड नोट के मुताबिक, परिवार ने किसी को रुपये उधार दिए थे और रकम वापस नहीं मिल पाने के कारण वे आर्थिक तंगी का सामना कर रहे थे. अधिकारी ने कहा कि इस वजह से परिवार ने यह कदम उठाया.
बिल्डिंग में एक मृतक के थे चार फ्लैट
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मनीष गुजरात के अमरेली जिले के सावरकुंडला का रहने वाला था और लंबे वक्त से सूरत में अपने परिवार के साथ रह रहा था. रिपोर्ट के मुताबिक, मनीष जिस इमारत में अपने परिवार के साथ रहता था, उसी में उसके चार फ्लैट थे.
डिप्टी कमिश्नर के मुताबिक, एक बोतल भी बरामद हुई, जिसमें निश्चित रूर से जहरीला पदार्थ था. सूरत के महापौर निरंजन जांजमेरा ने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि सोलंकी ने खुद को फांसी लगाने से पहले अपने परिवार के सदस्यों को जहर दे दिया.’’
यह भी पढ़ें- ‘पिछली मेल का जवाब नहीं दिया तो अब 200 करोड़ दो’, मुकेश अंबानी को फिर मिली जान से मारने की धमकी
गरबा खेलते समय 6 लोगों की मौत, गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ने डॉक्टरों को दिए ये निर्देश
Heart Attack While Playing Garba: गुजरात में पिछले एक हफ्ते में पारंपरिक नृत्य गरबा का प्रदर्शन करते समय एक महिला और एक किशोर छात्र समेत छह लोगों की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. मृतकों के परिजनों ओर एंबुलेस सेवा से इस बारे में जानकारी मिली है. गरबा एक पारंपरिक नृत्य है जो गुजरात में नवरात्रि समारोहों में मुख्य तौर पर खेला जाता है. इस बार 15 अक्टूबर से नवरात्रि के समारोह शुरू हुए थे.
गुजरात में इन छह मौतों के अलावा इस अवधि में 22 अन्य लोगों की मौत भी दिल का दौर पड़ने से हुई. दिल के दौरे से हुईं इन मौतों ने स्वास्थ्य विभाग का ध्यान खींचा है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री रुशिकेश पटेल ने सोमवार (23 अक्टूबर) को यूएन मेहता इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी एंड रिसर्च सेंटर के शीर्ष हृदय विशेषज्ञों और डॉक्टरों के साथ बैठक की और उन्हें इन मौतों के सटीक कारण का पता लगाने के लिए जरूरी डेटा एकत्र करने और रिसर्च करने का निर्देश दिया.
यूपी की राज्यपाल ने किया गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री से कारण पता लगाने का आग्रह
बता दें कि उत्तर प्रदेश की राज्यपाल और गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने रविवार (22 अक्टूबर) को इस मुद्दे पर चिंता जताई थी और स्वास्थ्य मंत्री से ऐसी मौतों के कारणों का पता लगाने के लिए एक अध्ययन कराने का आग्रह किया था.
आनंदीबेन पटेल ने पाटन जिले के एक गांव में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था, ”नवरात्रि के दौरान गरबा खेलते समय कई युवाओं को दिल का दौरा पड़ा और उनकी मौत हो गई. हमें कारणों का पता लगाने के लिए ऐसी मौतों का विश्लेषण करना चाहिए. चूंकि रुशिकेश भाई भी यहां हैं, इसलिए मेरा उनसे आग्रह है कि पिछले एक साल में दिल का दौरा पड़ने से कितने लोगों की मौत हुई, इस पर एक अध्ययन कराएं.”
गरबा खेलते समय इन छह लोगों की हुई मौत
गरबा खेलते समय दिल का दौरा पड़ने से खेड़ा जिले के 12वीं के छात्र वीर शाह की मौत हो गई. परिवार ने बताया कि वीर शुक्रवार रात गरबा खेलते समय दिल का दौरा पड़ने से बेहोश हो गया था. उसे अस्पताल ले जाया गया लेकिन बचाया नहीं जा सका.
‘108’ एंबुलेंस सेवा के रिकॉर्ड के अनुसार, 28 वर्षीय रवि पांचाल की अचानक दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई, जब वह शनिवार तड़के अहमदाबाद के बाहरी इलाके हाथीजन में एक पार्टी प्लॉट में गरबा खेल रहे थे. वडोदरा में 55 वर्षीय शंकर राणा दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. उन्हें शुक्रवार रात एक अस्पताल में रेफर किया गया था लेकिन अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
नवसारी में शुक्रवार को 31 वर्षीय मृणाल शुक्ला और पोरबंदर में शनिवार को 46 वर्षीय राजू आला की इसी तरह मौत हो गई. राजकोट में कंचन सक्सेना नाम की 47 वर्षीय विवाहित महिला को शुक्रवार रात गरबा खेलने के बाद बेचैनी महसूस हुई और वह बेहोश हो गई. उसे एक अस्पताल के लिए रेफर किया गया था लेकिन जान नहीं बच सकी. ‘108 एंबुलेंस सेवा की ओर से साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, उसे 15 से 22 अक्टूबर के बीच हृदय संबंधी इमरजेंसी से संबंधित करीब 750 कॉल प्राप्त हुईं.
गरबा कार्यक्रमों में एंबुलेंस और मेडिकल टीम की तैनाती की गई थी अनिवार्य
नवरात्रि उत्सव शुरू होने से पहले गुजरात के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने एक अधिसूचना के जरिये गरबा कार्यक्रम आयोजकों के लिए कार्यक्रम स्थलों पर एक एंबुलेंस और एक मेडिकल टीम तैनात करना अनिवार्य कर दिया था ताकि ऐसी किसी स्थिति में लोगों को तत्काल सहायता मिल सके.
इमामशाह बावा पीर पर हिंदुओं ने नए नाम का लगाया होर्डिंग, विरोध में उतरा मुस्लिम पक्ष
Ahmedabad Pir News: पीर इमामशाह बावा (Pir Imamshah Bawa) की मृत्यु के पांच शताब्दियों के बाद उनके हिंदू अनुयायियों पर सूफी संत का नाम बदलकर सद्गुरु हंसतेज महाराज करने का आरोप लगा है. पीर इमामशाह बावा का धार्मिक स्थल अहमदाबाद के बाहरी इलाके के पिराना (Pirana) गांव में हिंदू-मुस्लिम सांप्रदायिक सद्भाव का प्रतीक रहा है. स्थानीय सैय्यद समुदाय से आने वाले पीर के वंशजों ने इस नामकरण पर कड़ी आपत्ति जताई.
इसके विरोध में उन्होंने शुक्रवार (18 अगस्त) से धार्मिक स्थल परिसर में अनिश्चितकालीन अनशन शुरू करने का ऐलान किया है. टीओआई के अनुसार, इमामशाह बावा रोजा संस्थान के तीन मुस्लिम ट्रस्टियों ने अधिकारियों से तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हुए गुरुवार को जिला कलेक्टर को अपने अनशन की सूचना दी. इन ट्रस्टियों ने अनशन पर बैठने वाले 25 लोगों के लिए सुरक्षा की भी मांग की है.
मुस्लिम ट्रस्टियों ने जताई आपत्ति
राज्यपाल सहित कई अधिकारियों को दिए गए ज्ञापन में ट्रस्टियों ने हजरत पीर इमामशाह बावा की दरगाह को हिंदू धार्मिक स्थल में परिवर्तित करने के प्रयासों पर आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि कुछ असामाजिक तत्वों ने 13 अगस्त को समाधि पर और उसके आसपास देवी-देवताओं के पोस्टर चिपकाए थे. 15 अगस्त को समाधि स्थल के बाहर एक होर्डिंग लगाया था. इस होर्डिंग पर लिखा है ‘ओम श्री सद्गुरु हंसतेज जी महाराज अखंड दिव्यज्योति मंदिर’ और इस स्थल को एक मंदिर के रूप में दर्शाया गया है.
“ये पीर का नामकरण नहीं है”
संत के हिंदू नाम वाले होर्डिंग्स पर मंदिर के ट्रस्टियों में से एक हर्षद पटेल ने कहा कि ये पीर का नामकरण नहीं है. मुस्लिम ट्रस्टी का ऐसा दावा गलत है. हंसतेज महाराज का नाम 4,000 से ज्यादा वर्षों से ग्रंथ में शामिल है. इमामशाह बावा का जिक्र कई पुस्तकों में हंसतेज महाराज के रूप में किया गया है. हमने केवल दो दिन पहले इस नाम का इस्तेमाल करते हुए पोस्टर और होर्डिंग्स लगाए हैं.
पहले भी हुआ था केस
उन्होंने ट्रस्ट को तीर्थधाम प्रेरणापीठ भी बताया. इमामशाह बावा की मृत्यु 16वीं शताब्दी की शुरुआत में हुई थी. पिराना तीर्थ सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक था, जिसमें संत के अधिकांश अनुयायी हिंदू थे, जिन्हें सत्संगी या सतपंथी कहा जाता था. हालांकि, धार्मिक स्थल के मुस्लिम ट्रस्टियों और अनुयायियों का कहना है कि पिछले कुछ दशकों में इमामशाह बावा की हिंदू पहचान का दावा किया गया है, जिस पर पहले भी केस हुआ था.
पिछले साल, सुन्नी अवामी फोरम नामक एक मुस्लिम संगठन ने एक जनहित याचिका दायर की थी और धार्मिक स्थल परिसर के भीतर एक नए मंदिर के निर्माण पर आपत्ति जताई थी. इसने पूजा स्थल अधिनियम, 1991 को लागू करके इस तरह के विकास पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी.
ये भी पढ़ें-