कोर्ट में प्रैक्टिस शुरू करने से पहले ऑल इंडिया बार एग्जाम देना अनिवार्य है (प्रतीकात्मक तस्वीर)
12वीं या ग्रेजुएशन के बाद कानून की पढ़ाई करने वाले छात्रों के पास करियर के कई विकल्प होते हैं। अब कानून के छात्र की दुनिया अदालतों तक ही सीमित नहीं है
बदलते समय के साथ हर क्षेत्र में काफी बदलाव आये हैं। 12वीं या ग्रेजुएशन के बाद कानून की पढ़ाई करने वाले छात्रों के पास भी करियर के कई विकल्प होते हैं। अब कानून के छात्र की दुनिया सिर्फ अदालतों तक ही सीमित नहीं है। वे चाहें तो न सिर्फ अपनी खुद की फर्म शुरू कर सकते हैं बल्कि कॉरपोरेट वकील बनकर लाखों की कमाई भी कर सकते हैं। इसके अलावा लेक्चरर बनने का भी विकल्प है।
इन दिनों बड़ी संख्या में युवा कानून में अपना करियर बना रहे हैं। आप 12वीं या ग्रेजुएशन के बाद कानून की पढ़ाई कर सकते हैं। देश की आम जनता इन दिनों अपने अधिकारों को लेकर काफी जागरूक हो गई है और ऐसे में वकीलों की मांग बढ़ती जा रही है। कानून की पढ़ाई करने के लिए आपको CLAT परीक्षा देनी होगी. जिसे पास करके राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों में प्रवेश लिया जा सकता है।
अखिल भारतीय बार परीक्षा
12वीं कक्षा पूरी करने के पांच साल बाद या तीन साल का एलएलबी कोर्स करने के बाद वकालत में करियर बनाया जा सकता है। इसमें कई विकल्प हैं- बीए एलएलबी (बीए एलएलबी कोर्स), बीएससी एलएलबी (बीएससी एलएलबी कोर्स), बीकॉम एलएलबी, बीसीए एलएलबी और बीबीए एलएलबी (बीबीए एलएलबी कोर्स)। कोर्ट में प्रैक्टिस शुरू करने से पहले ऑल इंडिया बार एग्जाम देना अनिवार्य है। इसके बाद ही आप बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.
लेक्चरर के रूप में करियर
अगर आप कानून की पढ़ाई करने के बाद कोर्ट-कचहरी के चक्कर नहीं लगाना चाहते तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। एलएलबी के बाद आप मास्टर्स की पढ़ाई और एलएलएम की डिग्री पूरी करके लेक्चरर बन सकते हैं। इससे आप किसी भी लॉ यूनिवर्सिटी में कानून के छात्रों को पढ़ा सकते हैं। आप किसी लॉ कॉलेज में लेक्चरर के तौर पर करियर बनाकर अपने भविष्य को एक नई दिशा दे सकते हैं।
साइबर वकील
पिछले कुछ सालों में साइबर क्राइम काफी बढ़ गया है. शातिर साइबर अपराधियों ने यूनिवर्सिटी, बड़े अस्पतालों से लेकर राजनेताओं तक के अकाउंट को नहीं बख्शा। इन अपराधों में ऑनलाइन धोखाधड़ी, मोबाइल क्लोनिंग, सोशल मीडिया अकाउंट हैकिंग आदि शामिल हैं। ऐसे मामलों में पैरवी के लिए साइबर वकीलों की जरूरत होती है. हालात को देखते हुए इनकी डिमांड बढ़ गई है. एक साइबर वकील का वेतन भी बहुत अधिक होता है।
कॉर्पोरेट वकील
छोटी और बड़ी कंपनियाँ अपने कानूनी हितों और अधिकारों की रक्षा के लिए कॉर्पोरेट वकीलों को नियुक्त करती हैं। इनकी सैलरी सालाना 2 लाख से 22 लाख के बीच होती है। कानून की पढ़ाई करके पेटेंट और कॉपीराइट वकील के तौर पर भी करियर बनाया जा सकता है। इनकी सैलरी सालाना 7 लाख से 24 लाख के बीच होती है।
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