अधिकारियों ने कहा कि पूरे अवैध ढांचे को शून्य कर दिया गया था। पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में निर्मित ऐसे अवैध ढांचों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने के लिए नागरिक निकाय की आलोचना के बाद ही कार्रवाई की गई। कई राजनीतिक दलों के साथ-साथ कई अन्य संगठनों ने इस तरह के अवैध ढांचों पर आंख मूंदने के लिए नागरिक निकाय की आलोचना की। -निशिकांत कर्लीकर
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