देश के जाने-माने शास्त्रीय गायक उस्ताद राशिद खान की तबीयत बिगड़ गई है. उन्हें गंभीर हालत में दक्षिण कोलकाता के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है. देश भर के संगीत प्रेमी उनके शीघ्र स्वस्थ होने की दुआ कर रहे हैं. संगीतकार उस्ताद राशिद खान प्रोस्टेट कैंसर से जूझ रहे हैं. 55 साल के राशिद खान को वेंटिलेटर पर रखा गया है. रविवार को अस्पताल के अधिकारियों ने भी बताया कि महान संगीतकार की हालत नाजुक है. शुक्रवार को उस्ताद राशिद खान को सेरब्रल अटैक हुआ था. उसके बाद से उनकी तबीयत में सुधार नहीं हुआ है.लगातार उनकी तबीयत बिगड़ती जा रही है. वहीं, अस्पताल के डॉक्टरों ने कहा है कि उस्ताद राशिद खान विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम उस्ताद की सेहत पर नजर बनाए हुए हैं. स्पिक मैके (SPIC MACAY) ने भी माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स पर इसकी जानकारी साझा की. इसमें कहा गया है कि रामपुर के सहसवन घराना के जाने-माने शास्त्रीय संगीतज्ञ उस्ताद राशिद खान साहब की हालत बहुत नाजुक है. कोलकाता के एक अस्पताल में वह जिंदगी और मौत से संघर्ष कर रहे हैं. स्पिक मैके परिवार उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता है. बता दें कि उस्ताद राशिद खान महान संगीतकार इनायत हुसैन खान के पोते हैं. इनायत हुसैन खान ने ही सहसवन घराने की स्थापना की थी.
पद्मश्री और पद्मभूषण से सम्मानित हैं राशिद खान
पद्म पुरस्कार से सम्मानित उस्ताद राशिद खान का पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के जिस अस्पताल में इलाज चल रहा है, वहां न्यूरोलॉजिस्ट, मेडिसिन और ओंकोलॉजी के स्पशलिस्ट डॉक्टर उनका इलाज कर रहे हैं. प्रोस्टेट कैंसर से जूझ रहे राशिद खान करीब एक महीने से अस्पताल में भर्ती हैं. इसी दौरान शुक्रवार को उन्हें ब्रेन हेमरेज हुआ और उनकी तबीयत लगातार बिगड़ती चली गई. उन्होंने कई पुरस्कार जीते हैं. वर्ष 2007 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. इससे पहले वर्ष 2006 में भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया. वर्ष 2022 में पद्म भूषण से नवाजा गया. उन्होंने बांग्ला और हिंदी फिल्मों में कई गीत गाए हैं, जो काफी लोकप्रिय हुए.
बॉलीवुड फिल्मों के लिए भी राशिद खान ने गाए हैं गीत
उस्ताद राशिद खान ने ‘माई नेम इज खान’, ‘कादम्बरी’, ‘मंटो’ और ‘मितिन माशी’ के लिए गीत गाए हैं. बॉलीवुड फिल्म ‘जब वी मेट’ के लिए उस्ताद के गाए गीत ‘आओगे जब साजना…’ को आज भी लोग काफी पसंद करते हैं. राशिद खान ने महज 11 साल की उम्र में संगीत की दुनिया में कदम रख दिया था. मुख्य रूप से शास्त्रीय संगीत के लिए पहचाने जाने वाले राशिद खान के फ्यूजन और फिल्मी गीतों को भी काफी पसंद किया गया. उनके करीबी सूत्रों ने बताया कि अस्पताल में भर्ती होने से पहले तक बीमारी के बावजूद सुबह चार बजे संगीत के रियाज के उनके रूटीन में कोई बदलाव नहीं आया था.
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