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अगर सबकुछ ठीक रहा तो 2027 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। विदेशी ब्रोकरेज जेफरीज ने यह अनुमान लगाया है। ब्रोकरेज को उम्मीद है कि भारत की जीडीपी अगले चार वर्षों में 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकती है। इसी के साथ देश की अर्थव्यवस्था जापान और जर्मनी से ज्यादा मजबूत हो जाएगी।
क्या कहा जेफरीज ने
जेफरीज की रिपोर्ट के मुताबिक भारत 2030 तक लगभग 10 ट्रिलियन डॉलर का मार्केट बन जाएगा। ऐसे में बड़े वैश्विक निवेशकों के लिए देश को नजरअंदाज करना “असंभव” होगा। जेफरीज ने कहा- भारत एक दशक पहले नौवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश था, जो अब 3.4 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी के साथ पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन गया है।
सरकार के फैसलों से लॉन्ग टर्म में फायदा
ब्रोकरेज के मुताबिक कई बड़े रिफॉर्म की वजह से देश की इकोनॉमी ने रफ्तार पकड़ी है। ब्रोकरेज ने कहा कि बैंकरप्सी लॉ, जीएसटी स्ट्रक्चर, रियल एस्टेट के लिए रेरा एक्ट और नोटबंदी जैसे रिफॉर्म लॉन्ग टर्म के लिए अच्छे थे। हालांकि, शॉर्ट टर्म में इसका सही इम्पैक्ट नहीं रहा। जेफरीज ने कहा- अगले पांच वर्षों में भारत की जीडीपी के न केवल 6% की दर से वृद्धि होने का अनुमान है बल्कि देश लीडर की भूमिका में भी होगा क्योंकि अधिकांश बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश की विकास दर में गिरावट आ सकती है। जेफरीज ने उम्मीद जताई कि विकास दर में बढ़ोतरी से भारत को इस दशक के अंत से पहले दुनिया की जीडीपी रैंकिंग में तीसरे स्थान पर पहुंचने में मदद मिलेगी।
शेयर मार्केट का बढ़ेगा दबदबा
ब्रोकरेज ने कहा- हमारा मानना है कि भारतीय इक्विटी मार्केट अगले पांच से सात वर्षों में 8% -10% डॉलर रिटर्न देना जारी रखेंगे। बचत को इक्विटी में ट्रांसफर करने और भारत में बड़े यूनिकॉर्न की संभावित लिस्टिंग से तैयार होने वाला माहौल 2030 तक मार्केट कैप को 10 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचा सकता है। ब्रोकरेज ने कहा- भले ही भारत मार्केट कैप के मामले में पांचवां सबसे बड़ा देश है, लेकिन ब्लूमबर्ग वर्ल्ड इंडेक्स में इसकी रैंकिंग केवल 2.0% के वेटेज के साथ आठवीं है। इसका मतलब है कि विदेशी निवेशकों के लिए भारत के मार्केट में निवेश की जबरदस्त गुंजाइश है।