छह एकड़ (30 गुंठा) में फैला भिडे गार्डन, जो सिंहगढ़ रोड क्षेत्र का दूसरा सबसे बड़ा उद्यान है, धन की कमी के कारण 2017 से पूरा होने का इंतजार कर रहा है। जबकि पुणे नगर निगम (पीएमसी) की आम सभा ने बगीचे के विकास के लिए 6 करोड़ रुपये के बजट की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक केवल 1.50 करोड़ रुपये ही स्वीकृत हो पाए हैं, जिसके कारण केवल बुनियादी काम ही पूरा हो सका है। जॉगिंग ट्रैक बिछाने, व्यायामशाला और बच्चों के उपकरणों की स्थापना से संबंधित अधिकांश कार्य अभी बाकी हैं।
पीएमसी उद्यान विभाग के अनुसार, केवल छोटे पैमाने का काम जैसे कि सीमेंट पथ बिछाने और खेल के मैदान के कुछ उपकरण और स्ट्रीट लाइट लगाने का काम धन की कमी के कारण पूरा किया गया है। उद्यान अधीक्षक अशोक घोरपड़े ने कहा, “धन की अनुपलब्धता के कारण, काम अधूरा रहता है और नतीजतन, उद्यान नागरिकों के लिए नहीं खोला गया है। हमने परियोजना के लिए धन की मांग करते हुए उच्चाधिकारियों को लिखा है।
पीएमसी के उद्यान विभाग ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक नाना-नानी पार्क, खेल के मैदान के उपकरण के साथ विशेष बच्चों के क्षेत्र, ओपन जिम, और जॉगिंग और अन्य समर्पित ट्रैक का प्रस्ताव दिया था, और पार्क धायरी, नांदेड़ के निवासियों के लिए एक वरदान होता, नरहे व वडगांव बुद्रुक क्षेत्र जो वर्तमान में अपने स्वयं के सार्वजनिक उद्यान के अभाव में सरसबाग व पु ला देशपांडे उद्यान जाने को विवश हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता नीलेश गिर्मे ने कहा, “हम लगातार मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के साथ बगीचे के काम को पूरा करने के लिए आवश्यक धनराशि जारी करने की मांग कर रहे हैं। यह उद्यान बच्चों, महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। हम सरकार से इस संबंध में तत्काल कार्रवाई करने का अनुरोध करते हैं।”
वहीं उद्यान विभाग के कनिष्ठ अभियंता ईश्वर धमाले ने कहा, ‘कोविड संकट के कारण फंड की कमी थी और काम नहीं हो पा रहा था. हमने समय-समय पर फंड मांगा है और इस बार भी जल्द ही फंड मिल जाएगा, ताकि बचा हुआ काम पूरा किया जा सके।’
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