पटना. बिहार में कार्यरत चार लाख नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा मिलने का रास्ता साफ हो गया है. इसको लेकर शिक्षा विभाग ने बुधवार को बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली, 2023 का प्रारूप जारी कर दिया है. इसमें साफ किया गया है कि बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) सेबहाल होनेवाले शिक्षकों की तरह नियोजित को भी सुविधाएं और वेतनमान दिया जाएगा. नियोजित शिक्षक अब विशिष्ठ शिक्षक कहलाएंगे. इसके लिए राज्य सरकार चयनित एजेंसी के माध्यम से नियोजित शिक्षकों का सक्षमता परीक्षा लेगी. परीक्षा पास करने के लिए तीन अवसर दिये जाएंगे. तीसरे प्रयास में भी असफल रहे शिक्षकों को सेवा से हटा दिया जाएगा.
एक सप्ताह में देना है सुझाव
विभाग की वेबसाईट पर नियमावली का प्रारूप अपलोड कर दिया गया है. संबंधित से इस प्रारूप पर सुझान देने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है. माध्यमिक शिक्षा निदेशक के ई-मेल ([email protected]) पर सुझाव देना है. विभाग ने साफ किया है कि स्थानीय निकायों द्वारा नियुक्त शिक्षकों को बिहार राज्य विद्यालय शिक्षक नियमावली, 2023 के तहत नियुक्त किये गये शिक्षकों के बराबर लाने के लिए उक्त नियमावली बनाई गई है. शिक्षा विभाग नियमावली लागू होने की तिथि से एक वर्ष की अवधि में आयोजित होगी. हर शिक्षक को सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए तीन अवसर प्रदान किये जाएंगे. वैसे शिक्षक तो सभी तीन अवसरों में भी सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण होने में विफल रहेंगे तो उन्हें सेवा से हटा दिया जाएगा.
अब जिला स्तर का होगा इनका संवर्ग
पंचायती राज, नगर निकाय द्वारा नियुक्ति सभी नियोजित शिक्षक अब विशिष्ट शिक्षक कहाएंगे. नई नियमावली लागू होने होने की तिथि से जिला स्तर पर एकल संवर्ग के रूप में नियोजित शिक्षक का पद विलय हो जाएगा. बशर्ते कि वे विभाग द्वारा आयोजित ससक्षम परीक्षा में उत्तीर्ण हो. वे एक अलग संवर्ग का गठन करेंगे, जिनकी सेवा शर्तों को अब नई नियमावली से विनियमित किया जाएगा, परंतु इन शिक्षकों के विरुद्ध आज की तिथि तक लंबित कोई अनुशासनिक कार्रवाई, सतर्कता जांच आदि नई नियमावली के उपबंधों के अनुसार जारी रहेगा. जब कभी विशिष्ट शिक्षक सेवानिवृत्त हो जाते हैं या त्यागपत्र देते हैं, या बर्खास्त किये जाते हैं तो उनकी रिक्ति पर स्थानीय निकाय द्वारा नियुक्ति नहीं की जाएगी.