अंतरिम बजट 2024
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1 फरवरी 2024 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण छठी बार बजट भाषण पढ़ेंगी। इस दौरान वित्त अंतरिम बजट पेश करेंगी, क्योंकि इसी साल आम चुनाव होने हैं। आम चुनाव के बाद नई सरकार बनेगी, तब जाकर पूर्ण बजट पेश किया जाएगा। एक फरवरी को पेश किया जाने वाला बजट एक वोट ऑन अकाउंट होगा, जिसके लिए संसद की मंजूरी ली जाएगी। सदन से मंजूरी के बाद सरकार अप्रैल से जुलाई तक की अवधि के खर्चों के निपटान के लिए भारत की संचित निधि से अनुपातिक आधार पर पैसे निकाल सकेगी। आइए जानते हैं पिछली बार अंतरिम बजट कब और किस वित्त मंत्री ने पेश किया था, उस बजट में कौन-कौन से अहम फैसले लिए गए थे?
पिछली बार अंतरिम बजट साल 2019-20 के लिए एक फरवरी 2019 को पेश किया गया गया था। इस अंतरिम बजट को उस समय वित्त मंत्रालय का प्रभार संभाल रहे वर्तमान में देश के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने पेश किया था। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में वित्त मंत्रालय का जिम्मा दिवंगत भाजपा नेता अरुण जेटली के पास था। उनकी खराब सेहत के कारण वर्ष 2019 के बजट के कुछ समय पूर्व वित्त मंत्रालय का प्रभार पीयूष गोयल को सौंपा गया था। ऐसे तो अंतरिम बजट में आगामी चुनावों को देखते हुए सरकार कोई बड़ी घोषणा करने से बचती है, पर पिछले अंतरिम बजट में सरकार की ओर से कई जरूरी एलान किए गए थे। जो इस प्रकार हैं।
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प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना
साल 2019 के अंतरिम बजट के दौरान उस समय वित्त मंत्री का प्रभार संभाल रहे पीयूष गोयल ने ही पहली बार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की घोषणा की थी। इस योजना में दो हेक्टेयर तक के जोत वाले किसान परिवारों को हर साल 6000 रुपये सीधे उनके खाते में देने का प्रावधान किया गया था। इस स्कीम के तहत सरकार ने देश के 12 करोड़ छोटे और मझोले किसान परिवारों को तीन बराबर किस्तों में उनके खाते में दो-दो हजार रुपये भेजती है। अंतरिम बजट 2019-20 पेश करते हुए गोयल ने कहा था, “हमारी सरकार एक पीएम-किसान के नाम से एक ऐतिहासिक योजना पेश कर रही है। 2019-20 में इस योजना के लिए 75000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया। वित्त वर्ष 2018-19 के लिए संशोधित अनुमानों में 20000 करोड़ रुपये के परिव्यय की व्यवस्था की गई है।” गोयल ने इस योजना को सरकार की ओर से 1 दिसंबर, 2018 से लागू करने और 31 मार्च, 2019 तक की पहली किस्त उसी साल किसानों के खाते में भेजे जाने की बात कही थी। उसी साल कुछ समय बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना का उद्घाटन किया था।
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मत्स्य विभाग का निर्माण
तत्कालीन वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने साल 2019 के अंतरिम बजट में अलग मत्स्य विभाग बनाने का भी एलान किया था। यह कदम मत्स्य पालन के विकास केलिए निरंतर और केंद्रित ध्यान देने के उद्देश्य से उठाया गया था। वित्त मंत्रालय ने कहा था कि इस फैसले से सरकार इस क्षेत्र पर निर्भर 1.45 करोड़ लोगों को बढ़ावा देने के लिए उनकी आजीविका में 7% से अधिक की वृद्धि करना चाहती है। वित्त मंत्री ने एलान किया था कि पशुपालन और मत्स्य पालन की गतिविधियों को आगे बढ़ाने वाले किसनों को किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से मिलने वाले ऋण पर दो प्रतिशत ब्याज की छूट दी जाएगी। इसके अलावे समय पुनर्भुगतान करने पर उन्हें ब्याज पर अतिरिक्त 3% की छूट दी जाएगी।
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राष्ट्रीय गोकुल मिशन की घोषणा
पिछले अंतरिम बजट में तत्कालीन प्रभारी वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने 750 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ राष्ट्रीय गोकुल मिशन शुरू करने का एलान किया था। गायों के स्थायी अनुवांशिक उन्नयन और गायों के उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के गठन की भी घोषणा की गई थी। इस आयोग की ओर से गायों से जुड़े कानूनों और कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन पर भी नजर रखने की बात कही गई थी।
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प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन स्कीम
2019 के अंतरिम बजट में ही प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधान स्कीम की भी घोषणा की गई थी। इस योजना के तहत असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले कामगारों 100 रुपये प्रति महीने के योगदान के एवज में 60 वर्ष की आयु के बाद पेंशन के रूप में हर महीने 3000 रुपये देने की बात कही गई थी।
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रेलवे को दिए गए थे 1.58 लाख करोड़
साल 2019 के अंतरिम बजट में भारतीय रेलवे के लिए 1.58 लाख करोड़ रुपये का आवंटन दिया गया था। यह राशि देश में रेलवे के बुनियादी ढांचे के विस्तार पर खर्च होना था। अपने अंतरिम बजट के भाषण में तत्कालीन प्रभारी वित्त मंत्री ने कहा था कि साल 2018-19 भारतीय रेलवे का सबसे सुरक्षित साल रहा। उन्होंने यह भी बताया था कि रेलवे ने देश में बड़ी लाइन पर अवस्थित सभी मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग को बंद करने में सफलता हासिल कर ली है। उसी साल गोयल ने भारतीय तकनीक पर आधारित सेमी-हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत शुरू करने का भी एलान किया था।
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ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा एलान
साल 2019-20 के अंतरिम बजट के दौरान गोयल ने ग्राम सड़क योजना के लिए 19,000 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया था। वहीं मनरेगा योजना के लिए 60,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गाय था।
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गरीब व पिछड़ा कल्याण के लिए हुई घोषणाएं
पिछले अंतरिम बजट में शिक्षण संस्थानों के 25% अतिरिक्त सीटों के लिए 10% आरक्षण देने ने प्रावधान का एलान किया गया था। मार्च 2019 तक बिजली का कनेक्शन चाहने वाले हर व्यक्ति को विद्युत सुविधा उपलब्ध कराने की भी बात कही गई थी।
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इन्टैकम टैक्स में छूट का लाभ
पिछले अंतरिम बजट में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने एलान किया था कि पांच लाख रुपये तक की कर योग्य आमदनी वालों को किसी भी रूप में आयकर भरने की जरूरत नहीं होगी। उन्होंने यह भी कहा था कि 6.50 लाख रुपये तक की सालाना आमदनी वाले करदाता यदि भविष्य निधि (PF) या विनिर्दिष्ट बचत या बीमा योजनाओं में निवेश करते हैं तो उन्हें कोई आयकर नहीं देना होगा। इसी अंतरिम बजट में गोयल ने एलान किया था कि होम लोन और एजुकेशन लोन पर लगाने वाले ब्याज या राष्ट्रीय पेंशन स्कीम के योगदान, वरिष्ठ नागरिकों के मेडिकल बीमा और खर्चों के एवज में टैक्स पर दो लाख रुपये की छूट दी जाएगी। इस अंतरिम बजट में तीन करोड़ मध्यमवर्गीय लोगों को राहत देने के लिए 18,500 करोड़ रुपये के टैक्स बैनेफिट का एलान किया गया था।
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स्टैंडर्ड डिडक्शन में किया गया इजाफा
साल 2019 के अंतरिम बजट में नौकरीपेशा लोगों को मिलने वाले आयकर पर स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये करने का एलान किया गया था। यह कदम उठाकर सरकार ने 3 करोड़ नौकरीपेशा लोगों को 4700 करोड़ रुपये के अतरिक्त कर छूट का लाभ दिया था।
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जीएसटी निबंधित कारोबारियों के लिए एलान
पिछले अंतरिम बजट में प्रभारी वित्त मंत्री गोयल ने एलान किया था कि जीएसटी की दरों में कमी पर ग्रुप ऑप मिनिस्टर्स सुझाव देंगे। जीएसटी के तहत निबंधित कारोबारियों को एक रुपये तके ऋण पर लगाने वाले ब्याज में दो प्रतिशत छूट देने का भी एलान किया गया था।
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रक्षा क्षेत्र को 3 लाख करोड़ रुपये से ज्यदा
साल 2019 के अंतरिम बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान किया गया था। तत्कालीन प्रभारी वित्त मंत्री गोयल ने एलान किया था कि अगर जरुरत पड़ी तो रक्षा क्षेत्र को अतिरिक्त राशि भी मुहैया कराई जाएगी। बजट स्पीच में गोयल ने बताया था कि बीते कुछ वर्षों में ओआरओपी (वन रैंक वन पैंशन) स्कीम के तहत 35,000 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।
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मनोरंजन उद्योग के लिए सिंगल विंडो सिस्टम
साल 2019 के अंतरिम बजट में तत्कालीन प्रभारी वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने फिल्मकारों को भी राहत देने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि फिल्मों की शूटिंग के लिए अनुमति चाहने वालों के लिए सिंगल विंडो क्लियरेंस की व्यवस्था की जाएगी। फिल्मों में पायरेसी से जैसे मुद्दों को निपटने केलिए सिनेमैटो एक्ट में एंटी कैमकॉर्डिंग प्रावधान का प्रस्ताव दिया गया था।