बीते चुनाव की बात करें तो घोषणापत्र में भाजपा ने अवैध घुसपैठ के कारण पूर्वोत्तर के राज्यों में सांस्कृतिक और भाषाई पहचान पर गंभीर संकट का जिक्र करते हुए एनआरसी को लागू करने का वादा किया था। इस बार एनआरसी का जिक्र नहीं है।
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