नीतीश कुमार-तेजस्वी यादव (फाइल फोटो)
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बिहार में सियासी घमासान जारी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज भवन पहुंचे। उनके साथ जदयू कोटे से मंत्री अशोक चौधरी भी मौजूद थे। इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विजय सिन्हा मुस्कुराते हुए एक-दूसरे से बात करते दिखे इसके बाद सियासी गलियारे में हलचल तेज मच गई। वहीं दूसरी ओर तेजस्वी यादव राजभवन जाने का अपना फैसला बदल दिया। हालांकि तेजस्वी की पार्टी राजद की ओर से शिक्षा मंत्री आलोक मेहता राजभवन पहुंचे।
यह कहते हुए सीएम हाउस चले गए नीतीश कुमार
इधर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब राजभवन से बाहर निकले तो मीडिया ने उनसे सवाल पूछा कि तेजस्वी यादव राज भवन क्यों नहीं आए तो मुस्कुराते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जो नहीं आए हैं उनसे ही पूछिए। गठबंधन में सब ठीक है? इस सवाल पर सीएम नीतीश कुमार ने जवाब नहीं दिया। मुस्कुराते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी गाड़ी में बैठ गए और राज भवन से मुख्यमंत्री आवास की ओर चले गए। इतना ही नहीं इससे पहले भी गांधी मैदान में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में भी सीएम नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव आमने-सामने हुए लेकिन दोनों नेताओं के बीच बातचीत नहीं हुई।
अचानक तेजस्वी ने बदला फैसला, आलोक मेहता पहुंचे
गणतंत्र दिवस समारोह के बाद हर साल राज्यपाल द्वारा भोज का आयोजन किया जाता है। इसमें सभी सियासी दल के प्रमुख नेताओं को राज्यपाल टी पार्टी पर आमंत्रित करते हैं। राजभवन की ओर से टी पार्टी पर सभी दलों को आमंत्रण दिया गया था। भाजपा की ओर से नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा और जदयू की ओर से मंत्री अशोक चौधरी शामिल हुए। वहीं राजद सूत्रों के अनुसार, तेजस्वी यादव राजभवन की ओर आ रहे थे। उनके गार्ड भी तैयार हो गए थे लेकिन अचानक उन्होंने अपना फैसला बदल दिया। इसके बाद शिक्षा मंत्री आलोक मेहता राजभवन पहुंचे। इधर, तेजस्वी यादव ने राजभवन नहीं आने पर राजनैतिक पंडितों ने कहा कि तेजस्वी यादव का नहीं आना कई बातों की ओर इशारा करता है। मतलब साफ है कि जो अटकलें लगाई जा रही है, उसके पीछे सच्चाई जरूर है।