- ईमानदारी में मुंबई सबसे आगे
- नासिक भ्रष्टाचार के मामले में सबसे आगे
- राज्य में भ्रष्टाचार के मामलों में 10% वृद्धि
मुंबई: राज्य में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) महाराष्ट्र (Maharashtra) में दर्ज भ्रष्टाचार के मामलों में 2022 की तुलना में इस वर्ष लगभग 10 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। एसीबी से मिले आंकड़ों (Report) पर नज़र डालें तो 1 जनवरी से 25 दिसंबर 2023 तक 801 मामले दर्ज किए गए हैं। जबकि 2022 में इसी अवधि तक 749 केस रजिस्टर हुआ था। हालांकि 2021 में 773 और 2020 के महामारी वर्ष में भी 664 मामले दर्ज किए गए थे। सरकारी भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार (Corruption) के मामले दर्ज करने वाला एसीबी विभाग एफआईआर दर्ज करने में काफी सक्रिय है। शायद यही कारण है कि राज्य, साल दर साल शीर्ष पर रहा है। हालांकि जो बात सामने आती है वो यह है कि इस वर्ष 8.2 की बेहद कम दोषसिद्धि दर है और अदालतों में मामले 94 प्रतिशत तक लंबित है।
इस वर्ष 801 प्रकरणों में 784 वो मामले है जिनमे अधिकारियों को रंगे हाथों (ट्रैप) में पकड़ा गया है.12 आय से अधिक संपत्ति (डीए) के मामले है और पांच अन्य भ्रष्टाचार से संबंधित अपराध शामिल है. इस साल ट्रैप के मामलों में पकड़े गए दागियों (आरोपी) की संख्या 94 है. अब तक एसीबी में शामिल होने वाले अन्य लोगों में छत्तीस जिला परिषद और यहां तक कि शिक्षा विंग से जुड़े 30 कर्मचारी भी शामिल हैं. एजेंसी ने शिकायतकर्ताओं को कॉल करने के लिए एक ऐप और एक हेल्पलाइन नंबर (1064) विकसित किया है.विभिन्न तरीकों के बारे में ऑनलाइन और ऑफलाइन जागरूकता पैदा की जाती है, जिससे लोग शिकायत दर्ज कराने के लिए एजेंसी से संपर्क कर सकते हैं।
पुलिस-राजस्व अधिकारियों की संख्या थ्री डिजिट
गौरतलब है कि, राज्य का राजस्व और पुलिस विभाग के भ्रष्ट कर्मियों ने आंकड़ों की तालिका में अपने तीन अंकों वाली संख्या पर दूसरे स्थान पर कब्जा बरकरार रखा है. वर्तमान में राजस्व-भू-अभिलेख विभाग 194 ट्रैप के साथ शीर्ष पर है. जबकि पुलिस डिपार्टमेंट उनके समकक्ष 143 रिश्वत में मामलों में सेकंड पोजीशन पर हैं. इसी तरह पंचायत समिति सदस्यों के विरुद्ध 79, राज्य बिजली वितरण कंपनी विभाग में 47 और नगर निगमों से संबंधित 49 ट्रैप के मामले दर्ज है।
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छापेमारी से 4.59 करोड़ की रकम जब्त
रंगे हाथों द्वारा हुई कार्रवाई के दौरान जब्त की गई रकम 4.59 करोड़ से अधिक आंकी गई है। दागी सरकारी कर्मचारियों में 54 प्रथम श्रेणी के अधिकारी, 131 द्वितीय श्रेणी, 587 तृतीय और 50 चतुर्थ श्रेणी के अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं। इसके अलावा 98 निर्वाचित प्रतिनिधियों और 176 बिचौलियों पर भी एसीबी ने भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है। जिसमें आय से अधिक संपत्ति के 12 मामलों का भी खुलासा हुआ है। इसमें 23 लोगों से 15.34 करोड़ से अधिक की बेहिसाब संपत्ति भी जब्त की गई है।
नासिक में सबसे अधिक मामले दर्ज
आठ जोनल डिवीजनों में इस वर्ष नासिक में सबसे अधिक 232 भ्रष्ट कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इसके बाद पुणे 145, औरंगाबाद 125, ठाणे 103, अमरावती 85 और नांदेड़ 57 में मामले दर्ज किए गए है। इस लिहाज से मुंबई में सिर्फ 35 मामले दर्ज हुए है. हालांकि 25 दिसंबर, 2023 तक 21 मामलों में शामिल केवल 28 लोगों को दोषी ठहराया गया और 12.64 लाख की सामूहिक राशि का जुर्माना लगाया गया है।