Tikamgarh तांत्रिक इश्तियाक अली, जिन्हें राहत बाबा के नाम से भी जाना जाता है, टीकमगढ़ जिले में एक शादीशुदा महिला के साथ दुष्कर्म करने का आरोपी बना. महिला पहले से ही तीन बच्चियों की मां थी, और उसका बेटा पाने की इच्छा में इस तांत्रिक के चक्कर में आ गई. महिला ने पुलिस को शिकायत की, जिसके बाद तांत्रिक को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया.
पुलिस अब इस बात की भी जांच कर रही है कि उसने किस-किस को अपना शिकार बनाया है. पुलिस ने बताया कि आरोपी मूल रूप से उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के गुरसराय का रहने वाला है. वह किराए से टीकमगढ़ में रहता है. इस घटना के बाद इलाके में सनसनी फैल गई है.
टीकमगढ़ एसडीओपी राहुल कटरे ने बताया कि ये 11 तारीख की सुबह 9 बजे की घटना है. एक महिला की तीन बच्चियां थीं. वह बेटा चाहती थी. इस दौरान तांत्रिक इश्तियाक अली उर्फ राहत बाबा कभी उसके घर गया होगा.
उस वक्त आरोपी ने परिजनों के सामने कहा होगा कि मैं तुम्हारा कुछ कर दूंगा, कुछ मंत्रोच्चार कर दूंगा. इस बात पर सभी लोग तैयार हो गए हो गए. इसके बाद यह बाबा 11 तारीख को उसके घर तब पहुंचा, जब घर में कोई नहीं था.
एसडीओपी कटरे ने बताया कि आोरपी ने पहले महिला के घर का चक्कर लगाया. तांत्रिक क्रिया की सामग्री वगैरह तैयार की. उसके बाद मौका देखकर महिला के साथ दुष्कर्म किया.
हमने आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया. कोर्ट ने उसे जेल भेज दिया है. हम इस मामले की भी जांच कर रहे हैं कि उसने और किस-किस के साथ इस तरह की हरकत की है. चूंकि, वह उत्तर प्रदेश के गुरसराय का रहने वाला है, तो हम वहां भी इसके अपराध रिकॉर्ड की पड़ताल कर रहे हैं.
इस घटना ने टीकमगढ़ में समाज में हलचल मचा दी है. धार्मिक आदान-प्रदान और सामाजिक मूल्यों के खिलाफ इस प्रकार की घटनाएं समाज को गंभीरता से सोचने पर मजबूर कर देती हैं. इससे सामाजिक भलाइयों की ओर ध्यान खिचने वाली एक अन्य मुद्दा यह है कि लोग आसानी से विश्वास करके अज्ञानता के चक्कर में फंस जाते हैं.
टीकमगढ़ पुलिस ने महिला की शिकायत पर तांत्रिक को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया है. साथ ही, पुलिस अब यह भी जांच रही है कि तांत्रिक ने किस-किस को इस तरह के अपराध का शिकार बनाया है. तांत्रिक का मूल रूप से उत्तर प्रदेश का होना भी एक महत्वपूर्ण पहलु है, जिससे उसका अपराध रिकॉर्ड भी देखा जा रहा है.
इस घटना ने समाज में मोरलिटी और सामाजिक मुद्दों पर विचार करने का मौका दिया है. लोगों को चाहिए कि वे अपनी बुद्धि का उपयोग करें और धर्म-संस्कृति के मूल्यों का पालन करें, ताकि इस तरह की घटनाएं रोकी जा सकें.
समाज में नैतिकता की कमी: भारत, जो अपनी बहुसंस्कृति और ऐतिहासिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है, उसमें आज भी समाज में नैतिकता की कमी को लेकर सामाजिक चुनौतियों का सामना कर रहा है. विभिन्न हिस्सों में, हम देखते हैं कि लोग अक्सर नैतिकता और मौद्रिकता की कमी के चलते विभिन्न प्रकार की अधारहितता, बदलते रिश्तों, और धार्मिक मूल्यों की अनादर का सामना कर रहे हैं.
जातिवाद और सामाजिक असमानता: भारतीय समाज में जातिवाद और सामाजिक असमानता भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा है. अनेक बार, लोगों को उनकी जाति के आधार पर समाज में स्थिति मिलती है, जिससे समाज में असमानता बढ़ती है. इससे नैतिकता और सामाजिक न्याय की कमी होती है, जो समृद्धि के पथ में रुकावट डालती है.
स्त्री सशक्तिकरण और सुरक्षा मुद्दे: स्त्री सशक्तिकरण और सुरक्षा एक और महत्वपूर्ण समाजिक मुद्दा हैं. हम अक्सर देखते हैं कि महिलाओं को समाज में उच्चतम स्थान पर रखने के लिए उनका अधिकार और सुरक्षा सही रूप से प्रदान नहीं किए जाते हैं. इससे समाज में नैतिकता की कमी होती है और समृद्धि के मार्ग में बाधाएं उत्पन्न होती हैं.
शिक्षा का महत्व: नैतिकता और सामाजिक मुद्दों को हल करने का एक महत्वपूर्ण उपाय है शिक्षा. शिक्षा के माध्यम से लोगों को सही और गलत के बीच विवेचना की क्षमता विकसित होती है, जिससे समाज में नैतिक मूल्यों का समर्थन हो सकता है. साथ ही, समाज में समानता, न्याय, और सहिष्णुता की भावना को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा का महत्व अत्यधिक है.
भारतीय समाज में मोरैलिटी और सामाजिक मुद्दों के साथ मुकाबले के लिए लोगों को एक साथ आना और समाज को सुधारने के लिए सही दिशा में कदम उठाने की आवश्यकता है. सही शिक्षा, सशक्तिकरण, और समाज में सभी के लिए समानता का अधिकार सुनिश्चित करना नैतिकता और सामाजिक न्याय को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। इससे हम समृद्धि, समरसता, और सामाजिक समृद्धि की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।