- डेंगू, मलेरिया से मिली थोड़ी राहत
- मुंबई में स्वाइन फ्लू फैला रहा पैर
- मरीजों में लगभग तीन गुना की वृद्धि
- प्रशासन के फूले हाथ-पांव
मुंबई: मानसून के अलविदा कहने के बाद मुंबई (Mumbai) को डेंगू और मलेरिया जैसी मौसमी बीमारियों से थोड़ी राहत मिली है। लेकिन स्वाइन फ्लू (Swine Flu) की बीमारी पैर पसारते जा रही है। पिछले महीने की तुलना में इस महीने स्वाइन फ्लू के मरीजों (patients) में लगभग तीन गुना (Three Times) की वृद्धि हुई है। स्वाइन फ्लू के मरीजों की संख्या बढ़ने से बीएमसी प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए हैं और स्वास्थ्य विभाग सहित अस्पतालों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।
बीएमसी प्रशासन के अनुसार मौसम में बदलाव के कारण स्वाइन फ्लू के मरीजों के बढ़ने की संभावना अधिक होती है। लोगों को मास्क का उपयोग करने और भीड़-भाड़ से बचने की सलाह दी गई है। छींकते और खांसते समय रूमाल का इस्तेमाल और बार-बार साबुन से हाथ धोने की सुझाव दिया गया है। आंख, नाक, मुंह को स्पर्श करने से बचें। तेज बुखार, सांस लेने में तकलीफ, त्वचा व होंठ के नीले होने पर तुरंत मनपा के नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या अस्पताल जाकर डॉक्टरों की सलाह पर इलाज शुरू करने की अपील की है। खुद से दवाइयां न लें। स्वाइन फ्लू एक संक्रामक सांस की बीमारी है जो स्वाइन इन्फ्लूएंजा ए वायरस के H1N1 के कारण होती है। सामान्य रूप से सूअरों से यह बीमारी फैलती है।
यह भी पढ़ें
42.75 लाख घरों का सर्वे
बीएमसी से मिली जानकारी के अनुसार इस महीने 42.75 लाख घरों का सर्वे किया गया। महानगर में घर-घर जाकर 8.55 लाख बुखार ग्रस्त मरीजों की जांच की गई। कुल 8182 पानी के नमूने इकट्ठे किए गए। कुल 25970 चूहों का निपटान किया गया। मलेरिया नियंत्रण के लिए 18563 घरों की जांच की गई। एनोफिलीज मच्छर के उत्पत्ति वाले 1809 और एडीज मच्छर के उत्पत्ति वाले 14822 ठिकानों को नष्ट किया गया। कुल 54073 इमारतों और 698121 झोपड़ों में फॉगिंग की गई। एनोफिलीज मच्छर से मलेरिया और एडीज मच्छर के काटने से डेंगू की बीमारी फैलती है। लोगों से सफाई बनाए रखने और मच्छरदानी का उपयोग करने की सलाह दी गई है।
पिछले महीने और इस महीने मरीजों की संख्या
सितंबर (2023) अक्टूबर (1 से 22 तारीख)
- मलेरिया – 1313 मलेरिया – 680
- डेंगू – 1360 डेंगू- 737
- लेप्टो – 73 लेप्टो- 32
- गैस्ट्रो- 573 गैस्ट्रो- 263
- हेपेटाइटिस- 63 हेपेटाइटिस- 39
- चिकनगुनिया- 31 चिकनगुनिया- 24
- स्वाइन प्लू- 18 स्वाइन प्लू- 51