Atal bihari vajpayee death anniversary: आज 16 अगस्त 2023 को देश के पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी की पांचवी पुण्यतिथि है. आज ही उन्होंने अपने शरीर का त्याग किया था और परलोक गमन कर गए थे. भारत की राजनीति में अटल बिहारी वाजपेयी वो शख्सियत रहे जिन्हें सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों हमेसा आदर देता रहा. आज भी जब बात एनडीए की होती है तो अटल बिहारी वाजपेयी के समय की एनडीए का जिक्र जरूर होता है. वहीं वाजपेयी जी की कई यादें बिहार से भी जुड़ी हुई है. खासकर जब अपहरण की कोई घटना घटती है तो याद आता है भागलपुर के किसलय का अपहरणकांड स्व. अटल बिहारी की याद दिलाता है जब उन्होंने भागलपुर की धरती पर आकर एक सवाल किया और उससे केवल बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश की राजनीति गरमा गयी थी.
डीपीएस के छात्र किसलय का अपहरण
बिहार की राजनीति में दो अहम पड़ाव आए. एक जब नब्बे के बाद सत्ता शुरू हुई और दूसरा 2005 से. नब्बे के दशक में लालू यादव के हाथ में सूबे की सत्ता आई थी और 2005 के आखिरी महीनों में जाकर नीतीश कुमार का शासन शुरू हुआ. 2005 से पहले सत्ता की बागडोर लालू परिवार के ही हाथों में रही. नीतीश कुमार से पहले राबड़ी देवी सूबे की मुख्यमंत्री थीं. उन दिनों प्रदेश में अपहरण उद्योग काफी फल-फुल गया था. आए दिन अपहरण की घटना सामने आती थी. उसी दौर में 18 जनवरी 2005 को स्कूल जाने के क्रम में किसलय कौशल नाम के एक बच्चे को बदमाशों ने अगवा कर लिया. किसलय डीपीएस का छात्र था. दिनदहाड़े हुए इस अपहरण ने सनसनी फैला दी थी.
भागलपुर पहुंचे अटल बिहारी वाजपेयी
जिस वक्त किसलय का अपहरण हुआ, सूबे की सत्ता राबड़ी देवी के हाथों में थी. राजद प्रमुख लालू यादव यूपीए की तत्कालीन सरकार में उस वक्त केंद्र सरकार के कैबिनेट मिनिस्टर थे. उन दिनों बिहार के हर प्रमुख अखबार किसलय के ही अपहरण मामले से जुड़ी खबरों से भरी दिखती थी. इन्हीं दिनों में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी चुनावी प्रचार के लिए बिहार के भागलपुर जिला में पहुंचे. भागलपुर के सैंडिस कंपाउंड में उनकी विशाल रैली हुई.
‘मेरा किसलय कहां है? मुझे मेरा किसलय लौटा दो’..
भागलपुर में रैली को संबोधित करते हुए अटल बिहारी वाजपेयी ने अचानक अपनी बाहें फैलाते हुए किसलय की मांग कर दी. वाजपेयी जी ने जब पूछा- ‘मेरा किसलय कहां है? मुझे मेरा किसलय लौटा दो’ तो लोगों के भावनाओं को इस सवाल ने झझकोर दिया. ये सवाल तब ऐसा बना मानो केवल अटल नहीं बल्कि पूरा बिहार ये सवाल कर रहा हो. इसकी गूंज पूरे देश में गयी. राजनीति के जानकार बताते हैं कि बिहार में सत्ता बदली तो इसमें अटल जी का उतना ही बड़ा रोल था. उनका यह सवाल काफी असरदार था. लोगों के अंदर बेहिचक हो रहे अपहरण व क्राइम की अन्य घटनाएं अब सवाल पैदा करने लगी थी. इसका जवाब भी शायद जनता ने वोट से दे दिया था.
दस दिनों के अंदर रिकवर हुआ किसलय
आज जब बिहार के किसी भी कोने में अपहरणकर्ता बेखौफ दिखते हैं और ऐसी घटना को अंजाम देते हैं तो याद आते हैं अटल बिहारी. आज किसी किसलय का अपहरण हो तो कोई अटल बिहारी नहीं दिखते जो सवाल कर सके और उसका असर देखा जा सके. तब उनके एक सवाल ने पुलिस से लेकर सियासी महकमे में हड़कंप मचा गया था. पुलिस पहले ही दबाव में काम कर रही थी. अटल बिहारी वाजपेयी के एक सवाल ने उन्हें और दवाब में ला दिया. पुलिस उसके बाद इस कदर सक्रिय हुई कि दस दिनों के अंदर किसलय को सुरक्षित वापस ले आया गया था.