नई दिल्ली: श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में दिल्ली यूनिवर्सिटी लिटरेचर फेस्टिवल में इंडिया टीवी के चेयरमैन और एडिटर इन चीफ रजत शर्मा ने शिरकत की। DU To Prime Time रजत शर्मा ने अपने पूरे करियर के खट्टे मीठे पल स्टूडेंट्स के साथ साझा किए। इस दौरान ऋषिहुड यूनिवर्सिटी के को फाउंडर और वाइस चांसलर शोभित माथुर ने स्टूडेंट्स के बीच रजत शर्मा से उनके DU To Prime Time सफर पर कई सवाल पूछे। जिनका रजत शर्मा ने अपने स्टाइल में जवाब दिया।
SRCC आकर ऐसा लगता है, जैसे अपने घर लौट आया हूं- रजत शर्मा
रजत शर्मा ने बताया कि SRCC आकर ऐसा लगता है, जैसे अपने घर लौट आया हूं। वह बताते हैं कि जब वहां यहां के छात्र थे तब यहां का ऑडिटोरियम ऐसा नहीं था। ये कॉलेज भी को ऐड नही था। उस समय अरुण जेटली कॉलेज के प्रेसिडेंट होते थे। वो बिलकुल मोरल पुलिसिंग थे। किसी से बात तक नहीं करने देते थे। वहीं जब शोभित माथुर ने रजत शर्मा से पूछा कि आप की अदालत का आइडिया आपको कैसे आया? इस शो को तीस साल हो गए तो रजत शर्मा ने बताया कि इस शो की कोई प्लानिंग नही थी। ये एक एक्सीडेंट था। तीस साल पहले दूरदर्शन और प्राइवेट चैनल में जी न्यूज थे। सुभाष चंद्रा जी न्यूज के मालिक थे। एक सफ़र के दौरान फ्लाइट में गुलशन ग्रोवर थे। वह सुभाष चंद्रा से बात करना चाहते थे। मैंने यह बात उन्हें बताई तो सुभाष चंद्रा ही ने बोला तुम गुलशन का इंटरव्यू कर दो और टीवी पर चला देना। यहीं से बात शुरू हुई और सुभाष चंद्रा की पहल पर इसकी शुरुआत हुई।
आप की अदालत से जुड़ा किस्सा भी सुनाया
वहीं आप की अदालत के पहले शो का किस्सा सुनाते हुए रजत शर्मा बताते हैं कि 12 फरवरी 1993 को आप की अदालत का पहला शो लालू यादव का हुआ था, लेकिन पहला शो खुशवंत सिंह का होना था। खुशवंत जी के लिए एसआरसीसी और मिरांडा के स्टूडेंट बुलाए थे। लालू यादव के लिए बिहार के लोग ज्यादा आने थे। दोनों का इंटरव्यू एक ही दिन होना था। पहले खुशवंत सिंह और शाम में लालू यादव का। लालू उस समय बिहार के मुख्यमंत्री थे। लालू जी का फोन आया कि उन्हें पटना जाना है। वो शो में नही आ पाएंगे। उन्हें बताया गया कि शो की पूरी तैयारी कर ली गई है। इसके बाद लालू पहले ही पहुंच गए और पहला शो लालू यादव का रिकॉर्ड हुआ। लालू यादव का वो प्रोग्राम बेहद इंटरेस्टिंग बना दिया।
नरेंद्र मोदी के साथ का भी किस्सा सुनाया
वहीं डिफिकल्ट गेस्ट और शो के बारे में बताते हुए रजत शर्मा ने बताया कि 2014 में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के इंटरव्यू के लिए रात साढ़े नौ बजे का टाइम फिक्स हुआ। सब तैयारी हो गई। जब मोदी पहुंचे तो उनका गला बिलकुल बंद था। मोदी बोले रोज रात को गला बंद हो जाता है। इसके बाद वह आधा घंटा बैठे रहे। रात के ग्यारह बज गए थे। लेकिन गला ठीक नहीं हुआ। मैंने उनसे कहा कि ऑडियंस को अपनी शक्ल दिखा दीजिए। जैसे ही स्टूडियो में मोदी गए सब मोदी-मोदी करने लगे। मोदी जी से दो तीन सवाल पूछने के लिए कहा और देखते ही देखते उनका गला पूरी तरह से ठीक हो गया। उसके बाद डेढ़ घंटे शो चला। कैसे आवाज आ गई? उन्होंने बोला हम पर और आप पर देवी की कृपा है। वो सबसे हिट शो था।
कॉलेज के पहले दिन की कहानी सुनाई
वहीं अपन कॉलेज के किस्सों को सुनाते हुए रजत शर्मा ने बताया कि इस कॉलेज में जब मैंने पहला कदम रखा था तब मेरी किस्मत ही बदल गई थी। गरीब घर से था तो फीस जमा करने के लिए पूरे पैसे नहीं थे। गुल्लक के पैसे लेकर आया था। फ़ीस जमा करने वालों ने गिना तो तीन रुपए कम पड़ गए। लाइन में खड़ा था, कैशियर ने डांटा। इस डांट के बाद पीछे से आवाज आई फ्रेशर से ऐसे बात नही करते। वो अरुण जेटली थे। उन्होंने मेरे कंधे पर हाथ रखा औरअपनी जेब से पांच रुपए निकाले और मुझे दिए। तब मैंने फीस जमा करवाई। रजत शर्मा ने बताया कि जब तक अरुण जी जीवित रहे उन्होंने मेरे कंधे से हाथ नही हटाया।
जब लगा की शायद अरुण जेटली नाराज हो गए हैं
वहीं अरुण जेटली के बारे में बात करते हुए रजत शर्मा ने बताया कि अरुण जेटली और मेरा साथ पूरे 45 साल का था। नोटबंदी के बाद मैने उन्हे अदालत में बुलाया। सवाल थोड़े मुश्किल थे। वह शो खत्म होने के तुरंत बाद चले गए। ऐसा पहली बार हुआ था, वह इससे पहले हमेशा रुकते थे। लेकिन जब वह चले गए तब रीतू जी ने बोला अरुण जी से आपने काफी सख्त सवाल किए। इसके बाद अमित शाह का फोन आया और उन्होंने कहा कि दोस्त को तो छोड़ देते। मैने अरुण जी को फोन किया। उन्होंने मुझे बुलाया, मै फाइनेंस मिनिस्ट्री गया। मैंने उन्हे सॉरी बोला। अरुण जी ने कहा कि तुम्हारा काम सवाल पूछना है, मेरा काम जवाब देना है। मैंने कहा कुछ लोगों ने बोला कि आपको बुरा लगा। अरुण जी ने बोला ऐसे ही सवाल पूछने चाहिए, तभी शो अच्छा बनता है। मैंने भी तो कई तीखे जवाब दिए जैसे कि तुम भी काले धन वालों के साथ खड़े हो।