पद्मश्री पुरस्कार।
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गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर गुरुवार को पद्म श्री पुरस्कारों का एलान किया गया। पद्मश्री पुरस्कार विजेेताओं की सूची में ओडिशा के भी चार लोगों को जगह दी गई है, जिसमें गोपीनाथ स्वैन, भागवत पधान, बिनोद महराना और बिनोद कुमार पसायत शामिल हैं।
स्वैन की ऐसी है कहानी
गोपनीथ स्वैन (105) ओडिशा के गंजम जिले के निवासी हैं। वे कृष्ण लीला गायक हैं। भारत की परंपरा को बढ़ावा देने और उसे संरक्षित करने के लिए स्वैन ने अपना जीवन समर्पित कर दिया। स्वैन का जन्म कृष्ण लीला कलाकारों के परिवार में हुआ है। वे पांच साल की छोटी उम्र से ही संगीत यात्रा पर निकल गए थे। पारंपरिक तकनीकों और आधुनिक तरीकों के प्रति स्वैन की प्रतिबद्धता ने कृष्ण लीला में जान फूंक दी। इससे दो कालखंडों के बीच एक पुल का निर्माण हुआ।
उन्होंने दखिनाश्री, चिंता देसाख्य, तोडी भटियारी, भटियारी और कुंभा कमोदी पांच प्राचीन राग गाए और सिखाए हैं। स्वैन ने पारंपरिक ग्रामीण स्कूलों की भी स्थापना की और सैकड़ों शिष्यों को अपना ज्ञान प्रदान किया। उम्र के इस पायदान में भी वह दक्षिणी ओडिशा से प्रतिभाओं की खोज कर रहे हैं और इस अनूठी कला को सिखा रहे हैं।