Indian Navy मार्कोस कमांडो (MARCOS Commando) एक विशेष टास्क फोर्स है जो भारतीय सशस्त्र प्रशिक्षण के क्षेत्र में उच्च स्तरीय कठिनाइयों को सामना करने के लिए तैयार किया गया है। इसका पूरा नाम “मार्कोस विशेष परिष्कृत सेना” है और यह भारतीय सेना के साथी सेना Indian Navy है।
Indian Navy मार्कोस कमांडो (MARCOS Commando) का संगठन 2005 में किया गया था और इसका मुख्य उद्देश्य सीमा क्षेत्रों में गहरे सतर्कता और तकनीकी दक्षता के साथ विचार की गई आपत्तियों का सीधा सामना करना है। इसका सिरमौर जिला, हिमाचल प्रदेश में हेडक्वार्टर्स स्थित है।
Indian Navy मार्कोस कमांडो (MARCOS Commando) के सदस्यों को खास तरीके से चयन किया जाता है और उन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि वे सीमा क्षेत्रों में होने वाली विभिन्न चुनौतियों का सामना कर सकें। मार्कोस कमांडो के सदस्य गर्व से भारतीय सेना के साथी हैं और उन्हें अपनी अद्भुत साहस, निष्ठा, और सेना भक्ति के लिए जाना जाता है।
इसके साथ ही, Indian Navy मार्कोस कमांडो (MARCOS Commando) ने अपने क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए पहचान बनाई है और उनका योगदान भारतीय सेना की शक्ति को और भी मजबूत बनाता है। इसके सदस्यों की तैयारी और साहस की कथाएँ आम लोगों को प्रेरित करने वाली हैं और उन्हें समर्थन और सम्मान का हक है।
Indian Navy के मरीन यानी मार्कोस कमांडो (MARCOS Commando) ने उत्तरी अरब सागर में एक बड़े जहाज से 15 भारतीयों सहित 21 चालक दल के सदस्यों को बचाया है. इसके बाद से मार्कोस कमांडो की चर्चाएं शुरू हो गई है. मार्कोस कमांडो, भारतीय नौसेना की एक स्पेशल यूनिट है, जो अत्यधिक स्किल और गुप्त कमांडो होने के लिए जाने जाते हैं. यह अपने कॉम्बैट स्किल और अविश्वसनीय बहादुरी के लिए प्रसिद्ध हैं. आधिकारिक तौर पर मरीन कमांडो फोर्स कहा जाता है, वे हवा, पानी और जमीन पर युद्ध करने में माहिर होते हैं और समुद्र में ऑपरेशन और आतंकवाद के खिलाफ लड़ने में बेहतरीन हैं. उनके साहस और विशेषज्ञता के कारण लोग अक्सर उनकी तुलना अमेरिका के नेवी सील्स से करते हैं.
Operations: मार्कोस कमांडो (MARCOS Commando) ने अपने संगठन के माध्यम से विभिन्न सशस्त्र क्षेत्रों में सफलता के साथ कई महत्वपूर्ण कार्रवाईयाँ की हैं। इसकी प्रमुख जिम्मेदारियों में सीमा पर अत्यंत सतर्कता की जरूरत होती है, जिसमें गहरे अंधेरे, जंगल, और दुर्गम इलाकों में आत्मसमर्पण की आवश्यकता हो सकती है। इसके सदस्य विभिन्न ऑपरेशन्स में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं जिसमें वे दुश्मन के साथीयों के खिलाफ कठिनाईयों का सामना करते हैं।
Training: मार्कोस कमांडो (MARCOS Commando) के सदस्यों को उच्च स्तर का प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि वे सभी परिस्थितियों में समर्थ हो सकें। उनका प्रशिक्षण सभी आवश्यक कौशलों को शामिल करता है, जैसे कि जंगली जन्गल, बर्फीले इलाके, और शहरी क्षेत्रों में साइलेंस से ऑपरेट करना। वे विभिन्न युद्ध प्रणालियों, गुप्तचरों, और तकनीकी संबंधित प्रशिक्षणों से गुजरते हैं ताकि वे विशेष कार्रवाईयों के लिए तैयार रह सकें।
Headquarters: मार्कोस कमांडो (MARCOS Commando) का मुख्यालय सिरमौर जिला, हिमाचल प्रदेश में स्थित है। इसका मुख्यालय एक रणनीतिक स्थान के रूप में कार्य करता है और इसे विशेष क्षमताओं और तकनीकी संसाधनों से समृद्ध किया गया है। यहाँ से मार्कोस कमांडो के सदस्य विभिन्न ऑपरेशन्स के लिए तैयारी के लिए निर्दिष्ट किए जाते हैं और उन्हें स्वदेश और विदेश में कठिनाईयों का सामना करने की जिम्मेदारी दी जाती है।
Weapons: मार्कोस कमांडो (MARCOS Commando) के सदस्यों को विशेष युद्ध सामग्री के साथ सजग रहना पड़ता है। इसमें मोडर्न स्नाइपर राइफल्स, राकेट प्रणालियाँ, हैंड ग्रेनेड्स, एसॉल्ट राइफल्स, और अन्य विशेष युद्ध सामग्री शामिल होती है। इनके पास विभिन्न आत्मरक्षा और युद्ध स्तर की उपकरण भी होती है, जो उन्हें विभिन्न ऑपरेशन्स के लिए तैयार रखने में मदद करती हैं।
मार्कोस कमांडो की सशक्त प्रतिबद्धता और उनका उच्च स्तरीय प्रशिक्षण भारतीय सेना को और भी ताकतवर बनाता है
मरीन कमांडो (MARCOS Commando) मार्कोस के रूप में भी जाना जाता है. यह हवा, पानी और जमीन पर ऑपरेशन में स्किल भारतीय नौसेना की एक यूनिट है. इसकी स्थापना फरवरी 1987 में हुई थी. मार्कोस ने अपनी प्रोफेशनलिज्म के लिए अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त की है.
समुद्री सुरक्षा में बढ़ती चुनौतियों और भारत के तट पर आतंकवादी गतिविधियों का मुंह तोड़ जबाव देने के लिए मार्कोस की स्थापना वर्ष 1987 में की गई थी. भारतीय सेना की यह स्पेशल यूनिट अमेरिकी नेवी सील और ब्रिटिश स्पेशल बोट सर्विस (SBS) के तर्ज पर विकसित की गई थी. यह फोर्स अपने सफल अभियानों के लिए जानी जाती है.
मार्कोस कमांडो का आदर्श वाक्य “द फ्यू द फियरलेस” है, जो ट्रेनिंग की चुनौतीपूर्ण नेचर को बताता है. बहुत कम उम्मीदवार इसके फाइनल सेलेक्शन तक पहुंच पाते हैं. लेकिन जो ऐसा करते हैं, वे बहादुरी का पर्याय बनते हैं. मार्कोस कमांडो बनने के लिए नीचे दिए गए योग्यता होनी चाहिए.
लिंग: पुरुष
उम्र: 20 वर्ष
योग्यता: नौसेना में नाविक या अधिकारी होना चाहिए
कैसे होता है सेलेक्शन?
मार्कोस कमांडो (MARCOS Commando) में शामिल होने से पहले उम्मीदवारों को असाधारण रूप से मजबूत और फिजिकल रूप से फिट होना चाहिए. क्योंकि इसकी पूरी सेलेक्शन प्रक्रिया कठिन है.
मार्कोस कमांडो: पूर्व चयन
फिजिकल सहनशक्ति का परीक्षण करने वाली तीन दिवसीय प्रक्रिया
एक एलिजिबिलिटी टेस्ट भी शामिल है.
केवल लगभग 20% उम्मीदवार ही इस चरण को पार कर पाते हैं.
मार्कोस कमांडो: चयन
चुनौतीपूर्ण कार्यों वाली पांच सप्ताह की प्रक्रिया, जिसमें ‘हेल वीक’ भी शामिल है.
कार्यों में लंबी दौड़, रात्रि मार्च, गोला बारूद ट्रेनिंग और नींद की कमी शामिल है.
मजबूत इरादों वाले व्यक्तियों के लिए एक चुनौतीपूर्ण अनुभव
मार्कोस कमांडो: इनिशियल क्वालिफिकेशन ट्रेनिंग (बेसिक एसएफ ट्रेनिंग)
आईएनएस अभिमन्यु में 10 सप्ताह का कार्यक्रम.
इसमें हथियार संचालन, एम्यूनेशन एंड एक्सप्लोसिव ट्रेनिंग, अनआर्म्ड कॉम्बैट, क्लोज़-क्वार्टर बैटल ट्रेनिंग, कायाकिंग, फोटोग्राफी, शिप इंटरवेंशन ड्रिल, होस्टेस रेस्क्यू और अपतटीय प्रतिष्ठानों पर पुनः कब्ज़ा शामिल है.
3 सप्ताह का बेसिक पैराशूट कोर्स और बेसिक कॉम्बैट डाइवर्स कोर्स.
मार्कोस कमांडो: प्रोबेशन पीरियड (एडवांस्ड एसएफ ट्रेनिंग)
कॉम्बैट फ्री-फॉल ट्रनिंग, काउंटर इनसर्जरी ट्रेनिंग, एंटी हाईजैकिंग और एंटी पायरेसी ट्रेनिंग, गुप्त ऑपरेशन, निगरानी और टोही, उभयचर संचालन, अपरंपरागत युद्ध, भाषा प्रशिक्षण, पनडुब्बियों से संचालन, स्नाइपर कंपीटेंस, और कंधे से प्रक्षेपित मिसाइलों पर ट्रेनिंग.
4 सप्ताह का हाई एल्टीट्यूड कमांडो कोर्स और रेगिस्तान युद्ध स्कूल
मार्कोस के लिए आवेदन करने वाले किसी भी भारतीय नौसेना अधिकारी की आयु 20 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए. आवेदन करने से पहले उम्मीदवारों को अपनी आयुसीमा को जांच लेनी चाहिए.
मिलने वाली सैलरी
भारतीय नौसेना मरीन कमांडो (MARCOS Commando) की सैलरी 7वें केंद्रीय वेतन आयोग (CPC) द्वारा निर्धारित किया जाता है, और उनकी सैलरी स्ट्रक्चर में कई महत्वपूर्ण घटक शामिल हैं:
बेसिक पे: एक मरीन कमांडो को बेसिक पे के तौर पर 25,000 प्रति माह हो सकता है.
शिप ड्राइविंग अलाउंस: उनके बेसिक पे के अलावा उन्हें 8,500 से 10,000 रुपये शिप ड्राइविंग अलाउंस मिलता है.
मार्कोस भत्ता: उनकी अनूठी भूमिका को पहचानते हुए मरीन कमांडो को 25,000 रुपये का मार्कोस भत्ता दिया जाता है.
विभिन्न तैनाती क्षेत्रों के लिए भत्ते:
- कठिन क्षेत्रों में उनके बेसिक पे का अतिरिक्त 20% प्रदान किया जाता है.
- अत्यधिक सक्रिय क्षेत्र में 16,900 रुपये भत्ते के तौर पर दिया जाता है.
- फील्ड एरिया कर्मियों को 10,500 रुपये का फील्ड एरिया भत्ता मिलता है.
- नामित “शांति क्षेत्रों” में उन्हें 35,500 रुपये का शांति क्षेत्र भत्ता मिलता है.
- फील्ड एरिया भत्ता: 16,900 रुपये (केवल फील्ड एरिया पोस्टिंग के लिए)
- फील्ड एरिया भत्ता: 10,500 रुपये