Maharashtra: Raj Thackeray with Amit Shah
– फोटो : Amar Ujala/ Sonu Kumar
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लोकसभा चुनावों से पहले महाराष्ट्र की सियासत में भाजपा एक और पार्टी के साथ गठबंधन में जाने का प्रयास कर रही है। यह गठबंधन भाजपा और राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के साथ हो सकता है। अब इस गठबंधन की पड़ने वाली नींव को लेकर कहा यही जा रहा है कि उद्धव ठाकरे के विकल्प के तौर पर राज ठाकरे से हाथ मिलाया जा रहा है। ताकि महाराष्ट्र में मराठी वोट बैंक पर राज ठाकरे के माध्यम से मजबूत पकड़ बनाई जा सके। हालांकि जानकारों का कहना है कि महाराष्ट्र में राजठाकरे के पिछले चुनावों के वोट प्रतिशत ऐसे नहीं हैं, जो इसे बड़ी डील करार दे सकें। लेकिन भाजपा इस जुगलबंदी से मराठी वोटरों पर एक मनोवैज्ञानिक असर तो डाल ही सकेगी। इसके अलावा राज ठाकरे भाजपा के साथ मिलकर बीएमसी के चुनाव में अपनी मजबूत दावेदारी की जमीन तैयार कर रहे हैं।
महाराष्ट्र की सियासत में चर्चा इस बात की सबसे ज्यादा हो रही है कि आखिर राज ठाकरे और भारतीय जनता पार्टी का गठबंधन किस आधार पर आगे बढ़ रहा है। वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषण हिमांशु शितोले कहते हैं कि दरअसल भारतीय जनता पार्टी का राज ठाकरे के साथ गठबंधन मराठी वोटरों में एक मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने के लिए महत्वपूर्ण माना जा सकता है। वह कहते हैं कि 2014 के लोकसभा चुनाव में राज ठाकरे को तकरीबन डेढ़ फीसदी वोट मिले थे। जबकि उसी साल विधानसभा के चुनावों में तीन फीसदी वोट मिले थे। हिमांशु कहते हैं कि उसके बाद राज ठाकरे की पार्टी का परफॉर्मेंस उतना अच्छा नहीं रहा।
हिमांशु शितोले कहते हैं कि ऐसे में यह कहना कि महाराष्ट्र में राज ठाकरे भाजपा के लिए मजबूरी हैं, पूरी तरह से गलत होगा। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि राज ठाकरे के साथ भारतीय जनता पार्टी के जुड़ने से मनोवैज्ञानिक तौर पर मराठा वोटबैंक में भारतीय जनता पार्टी अपना एक असर तो छोड़ेगी। मराठी वोटरों को अपने साथ जोड़ने के लिए भारतीय जनता पार्टी के पास एकनाथ शिंदे जैसे नेता और उनकी पार्टी के विधायक समेत अजीत पवार का फिलहाल मजबूत साथ बना हुआ है। इसलिए राज ठाकरे भारतीय जनता पार्टी के लिए मराठी वोट बैंक को जोड़ने के लिए लिहाज से बड़ी मजबूरी बिल्कुल नहीं हैं।