आखिर महाराष्ट्र में मंत्रालय के बंटवारे में वही हुआ जिसका एकनाथ शिंदे गुट को डर था। उपमुख्यमंत्री और एनसीपी के नेता अजित पवार को वही वित्त मंत्रालय दिया गया है, जिसे लेकर एकनाथ शिंदे और उनके विधायकों ने पुरानी सरकार में पवार के खिलाफ मोर्चा खोला था। उस विरोध का असर यह हुआ कि महाविकास आघाड़ी गठबंधन के साथ चल रही सरकार गिर गई और एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री हो गए। उस घटना के ठीक एक साल बाद अजित पवार पाला बदलकर सरकार में शामिल हो गए और शुक्रवार को हुए मंत्रालय के बंटवारे में उन्हें वित्त मंत्रालय ही दिया गया। यही नहीं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के हिस्से में आने वाला मंत्रालय भी अब अजित पवार की पार्टी के मंत्री के हिस्से आ गया है। महाराष्ट्र में हुए मंत्रालय बंटवारे के बाद यहां की सियासत एक बार फिर से गर्म हो गई है। एकनाथ शिंदे गुट से जुड़े विधायकों ने शुक्रवार को ही मंत्रालय बंटवारे के बाद एक बड़ी बैठक तक कर डाली।