झारखंड सरकार आदिवासियों के पारंपरिक ज्ञान, पर्यावरण दर्शन और सतत आजीविका के लिए संसाधन प्रबंधन का अध्ययन कराएगी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश के बाद डॉ रामदयाल मुंडा जनजातीय शोध संस्थान (टीआरआई) द्वारा यह कराया जायेगा. साथ ही पिछले चार साल में छोटे-छोटे मामले को लेकर जेल में बंद आदिवासी विचाराधीन कैदियों के मुक्त होने के बाद उनकी पुनर्वास की स्थिति का भी अध्ययन कराया जाएगा. पिछले चार वर्ष में बड़ी संख्या में विचाराधीन कैदी छोड़े गये हैं. टीआरआइ के निदेशक डॉ रणेंद्र कुमार ने बताया कि एक शोध में विचाराधीन आदिवासी कैदियों के मुक्त होने के बाद उनके पुनर्वास की क्या स्थिति है. वो अभी क्या कर रहे हैं. इन सबका अध्ययन कराया जायेगा. डॉ रणेंद्र ने कहा कि आदिवासियों का एक बेहतरीन पारंपरिक ज्ञान रहा है. पर्यावरण के प्रति भी उनका एक दर्शन रहा है. आजीविका के लिए संसाधनों का वो बेहतर तरीके से इस्तेमाल करते थे. ये सभी ज्ञान क्या अभी तक संरक्षित है, इसका भी एक अन्य शोध के माध्यम से अध्ययन सरकार कराना चाहती थी. अभी विभिन्न एजेंसियों से अध्ययन के लिए आवेदन मंगाया गया है.
प्रस्तावित शोध अध्ययन में प्रकृति और जनजातीय समाज के बीच संबंध, अध्ययन का उद्देश्य, समुदाय आधारित संसाधन प्रबंधन प्रणालियों के साथ-साथ उनके दार्शनिक आधार, दोनों का संयोजन तलाशना है. इसके अलावा, जनजातीय समुदायों का उनकी संख्यात्मक ताकत के आधार पर व्यापक वर्गीकरण (प्रमुख जनजातियां), व्यवसाय (कारीगर जनजातियां) और सामाजिक-आर्थिक प्रबंधन पर शोध किया जाना है.
ब्रिटिश काल और वर्तमान में कितने बदले आदिवासी
टीआरआइ द्वारा एक और शोध कराया जा रहा है. जिसमें ब्रिटिश काल के दौरान और वर्तमान में आदिवासियों की सामाजिक आर्थिक स्थिति में कितना बदलाव आया है. इस पर विस्तृत अध्ययन कराया जायेगा.
I am the founder of the “HINDI NEWS S” website. I am a blogger. I love to write, read and create good news. I have studied till the 12th, still, I know how to write news very well. I live in the Thane district of Maharashtra and I have good knowledge of Thane, Pune, and Mumbai. I will try to give you good and true news about Thane, Pune, Mumbai, Health – Cook, Education, Career, and Jobs in the Hindi Language.