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11 घंटे पहलेलेखक: सृष्टि तिवारी
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JEE Mains के रिजल्ट के बाद ही स्टूडेंट्स Advanced की तैयारी में लग गए हैं। JEE Advance 26 मई 2024 को देश भर में लिया जाएगा। ऐसे में सवाल ये उठता है कि आने वाले 2 महीनों में स्टूडेंट्स कैसे JEE Advanced की तैयारी करें, क्योंकि इसमें स्टूडेंट्स के कॉन्सेप्टस क्लियर होना जरूरी है और इसमें क्रिटिकल थिंकिंग का मजबूत होना भी जरूरी है।
Allen इंस्टीट्यूट सेंटर हेड ऋषिकेश शर्मा से जानते हैं कि कैसे स्टूडेंट्स इन दो महीनों में अपनी प्रिपरेशन को कंप्लीट करें।
Allen इंस्टीट्यूट सेंटर हेड ऋषिकेश शर्मा
सवाल:JEE Mains और JEE Advanced की तैयारी में क्या फर्क है और ये कैसे की जानी चाहिए?
जवाब:JEE Mains और JEE Advanced का सिलेबस करीब-करीब एक जैसा होता है। JEE Mains में जिन स्टूडेंट्स ने अच्छा परफॉर्म किया है, उन्हें JEE Advance के लिए सिर्फ अपना लेवल-अप करना है।
Advance देने वाले स्टूडेंट्स को एग्जाम पैटर्न समझने की जरूरत है। Advance में मल्टीकन्सेप्ट क्वेश्चन आते हैं, जिनमें एक-दो नहीं बल्कि तीन-चार से भी ज्यादा चैपटर्स एक साथ मिले होते हैं। Advance में आपकी कॉन्सेप्ट पर पकड़ भी अच्छी होनी चाहिए।
इस एग्जाम में आपकी अंडर स्टैंडिंग और चैप्टर की समझ दोनों को ही चेक किया जाता है। सवाल पहले से ज्यादा टफ होते हैं उनमें नई तरह की सिचुएशन होती हैं। यहां Advanced और Mains में अंतर होता है।
सवाल; JEE Advanced में वेटेज चैप्टर की समझ कैसे डेवलप करें?
जवाब; मॉडर्न फिजिक्स के साथ ही करंट इलेक्ट्रिसिटी, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन, मैकेनिक्स में रोटेशन मोशन और वर्क पार, एनर्जी टॉपिक्स वेव ऑप्टिक्स, मॉडर्न फिजिक्स पर फोकस करें।
केमिस्ट्री की अगर बात की जाए तो, पिछले एग्जाम में जनरल केमिस्ट्री (रिएक्शन ऑर्गेनिक, नेम रिएक्शन) की प्रेक्टिस करनी चाहिए।
सिलेबस को बहुत ध्यान से देखा जाना चाहिए क्योंकि जो छोटी-मोटी चीजें इसमें जोड़ी जाती हैं, वो इसमें देखी जाती है। क्योंकि JEE Advance में ये देखा गया है कि कोई भी नया चैप्टर जब भी जोड़ा गया है, उसके क्वेश्चनस देखे गए हैं।
मैथ्स में कैलकुलस और कॉर्डिनेट ज्योमेट्री लिमिटस, एप्लीकेशन ऑफ डेरिवेटिव्स, इंटीग्रेशन , डेफिनेट इंटीग्रेशन, डिफरेंट इंटीग्रेशन, इसके साथ ही वेक्टर 3 डी, कॉम्प्लेक्स नंबर, अलजेब्रा में मल्टीलेवल क्वेश्चनस ज्यादा पूछे जाते हैं। इसके साथ ही इंटीग्रेशन , डेफिनेट इंटीग्रेशन, डिफरेंट इंटीग्रेशन पर अच्छे क्वेश्चनस पिछले सालों में आ रहे हैं।
सवाल: JEE Advanced सिलेबस को 2 महीने में कैसे पूरा करें?
जवाब: स्टूडेंट्स को दो महीनों में अपनी तैयारी पूरी करने के लिए क्वेश्चनस को लगाते रहना चाहिए। मल्टी कन्सेप्ट वाले क्वेश्चनस को सॉल्व करना चाहिए, ऐसा करके स्टूडेंट्स बेहतर ढंग से प्रिपरेशन कर सकते हैं।
प्रीवियस ईयर क्वेश्चन’ लगाना चाहिए। पिछले 5-7 साल तक के क्वेश्चन इसके लिए काफी होते हैं। और ये प्रिपरेशन में बहुत ज्यादा मदद कर सकते हैं यानी
इससे स्टूडेंट्स को ये भी पता चलता है कि किस सब्जेक्ट पर ज्यादा वेटेज है और किस तरीके के क्वेश्चन ज्यादा पूछे जा रहे हैं।
सवाल: JEE Advanced में मॉक टेस्ट कितना हेल्पफुल है?
जवाब: स्टूडेंट्स के लिए मॉक टेस्ट बहुत जरूरी होता है। स्टूडेंट्स को हफ्ते में 2 से 3 मॉक टेस्ट देने चाहिए और टाइम लिमिट का इसमें ख्याल रखा जाना चाहिए। इससे स्टूडेंट्स अपने टाइम मैनेजमेंट को अच्छे से समझ पाएंगे और ऐसे पोर्शन जो बहुत मुश्किल है, उसे वो लिमिटेड टाइम में कैसे सॉल्व करते हैं, ये स्टूडेंट्स सीख पाएंगे।
इससे स्टूडेंट्स एग्जाम में स्ट्रेटजी बना सकते हैं और ये समझ सकते हैं कि उन्हें किस तरह से एग्जाम में इसको करना है। इसमें हो सकता है कई बार स्टूडेंट्स गलतियां भी करें लेकिन इससे वे खुद में इंप्रूवमेंट भी देख पाएंगे।
मॉक टेस्ट से स्टूडेंट्स एग्जाम देने के टेम्परामेंट को स्टूडेंट्स अच्छे से समझ सकते हैं।
सवाल: क्या नए चैप्टर को इन दो महीनों में पढ़ा जाना चाहिए?
जवाब: अक्सर स्टूडेंट्स गलती कर देते हैं और पूरा सिलेबस कंप्लीट करने की जल्दी में आधा-अधूरा पढ़ते हैं, जिससे वो किसी भी चैप्टर में परफेक्ट नहीं हो पाते। स्टूडेंट्स को नए चैप्टर नहीं पढ़ना चाहिए। जिन चैपटर्स को पहले पढ़ लिया है उन्हें ही मजबूत करने पर ध्यान देना चाहिए।
वहीं जब Advance में मल्टी कॉन्सेप्चुअल क्वेश्चन आते हैं, तब स्टूडेंट्स गलतियां कर देते हैं और निगेटिव स्कोर करने लगते हैं। इसके लिए ये जरूरी है कि स्टूडेंट्स लिमिटेड चैपटर्स को अच्छे से पढ़ें। जैसे जैसे परफेक्ट होते जाएंगे, वैसे-वैसे स्टूडेंट्स आगे बढ़ते जाएंगे।
सवाल: स्टूडेंट्स इस समय कैसे खुद को स्ट्रेस फ्री रखें?
जवाब: अक्सर स्टूडेंट्स को मेंटल स्ट्रेस इस समय होता ही है। इसको कम करने का तरीका ये है कि स्टूडेंट्स को इस समय अपने पेरेंट्स, अपने अच्छे दोस्तों से कम्युनिकेट करना चाहिए। सोशल लाइफ से पूरी तरह कटना नहीं चाहिए। हम कह सकते हैं कि ऐसे लोग जो आपके करीबी के साथ हमें रहना चाहिए।
स्टूडेंट्स के मन में जो भी चल रहा है उसको बांटना चाहिए।पेरेंट्स की भी ये जिम्मेदारी है कि जब उनका बच्चा डाउन हो रहा है तो उसके साथ पॉजिटिव बर्ताव करें। उसे याद दिलाएं कि कैसे जब वो किसी एग्जाम में इस तरह से परेशान हुआ था और उसने कैसे खुद पर मेहनत कर एक बेहतर रिजल्ट पाया था। चाहे वो कोई एग्जाम हो या ड्राइंग कॉम्पिटिशन।
सवाल: JEE Mains में जिनका स्कोर कम है वो इस गैप को किस तरह भर सकते हैं?
जवाब:JEE मेंस में जिनका स्कोर कम है, उन स्टूडेंट्स को सिलेक्टिव होना होगा। ऐसे पोर्शन जिसमें वो अच्छा कर सकते हैं पहले उनकी पहचान करें और फिर उनमें परफेक्ट तैयारी करें। इसमें हमेशा अपने एक्सपर्ट से जरूर गाइडेंस लें। सिलेक्टिव होकर पढ़ेंगे तब हम बहुत अच्छे से पढ़ पाएंगे।
एक्सपर्ट ये भी गाइड कर सकते हैं कि स्टूडेंट का कौन सा पोर्शन कमजोर हैं, वो एक्सपर्ट से पूछ सकते हैं, कि वो कौन से सब्जेक्ट पर ज्यादा फोकस करें और किनको इग्नोर कर सकते हैं। एक्सपर्ट इसमें ये भी गाइड कर सकते हैं कि इसमें कौन से टॉपिक्स में स्टूडेंट्स ज्यादा अच्छा परफॉर्म कर सकते हैं। टीचर्स बता सकते हैं कि कौन से टॉपिक्स हैं जिनमें स्कोर ज्यादा किया जा सकता है।
सवाल: अगर स्टूडेंट्स के नंबर कम आएं तो उनके Advanced के बाद क्या ऑप्शन होंगे?
जवाब: ऐसे स्टूडेंट्स जिनका JEE मेंस में स्कोर कम है। उन्हें JEE राउंड 2 पर ज्यादा मेहनत करनी चाहिए। एडवांस के लिए अभी नहीं जाना चाहिए। सबसे JEE राउंड 2 पर फोकस करना चाहिए, इससे अच्छा पर्सेंटाइल स्कोर लेकर आ जाएं, जो JEE एडवांस में मदद करेगा।