मुंबई: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने सोमवार को महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) को पिछली सदी का ‘महापुरुष’ और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) को इस सदी का ‘युगपुरुष’ करार दिया। धनखड़ ने कहा, ‘‘महात्मा गांधी ने सत्याग्रह और अहिंसा के माध्यम से हमें अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त कराया। भारत के सफल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हमें उस रास्ते पर ले गए, जहां हम हमेशा जाना चाहते थे।” वह जैन विचारक और दार्शनिक श्रीमद राजचंद्रजी की जयंती समारोह में बोल रहे थे।
मैं आपको एक बात कहना चाहूंगा, पिछली शताब्दी के महापुरुष महात्मा गांधी थे, इस शताब्दी के युगपुरुष नरेंद्र मोदी हैं!
महात्मा गांधी ने सत्य और अहिंसा से हमें अंग्रेजों की गुलामी से छुटकारा दिलाया, भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने देश को प्रगति के उस रास्ते पर डाल… pic.twitter.com/mBP7zxIs0C
— Vice President of India (@VPIndia) November 27, 2023
धनखड़ ने कहा, “मैं आपलोगों को एक बात बताना चाहता हूं। महात्मा गांधी पिछली सदी के महापुरुष थे। नरेन्द्र मोदी इस सदी के युगपुरुष हैं।” उन्होंने श्रीमद राजचंद्रजी की एक भित्तिचित्र का भी अनावरण किया। श्रीमद राजचंद्रजी का जन्म 1867 में गुजरात में हुआ था और 1901 में उनकी मृत्यु हो गई थी। उन्हें जैन धर्म पर उनकी शिक्षाओं और महात्मा गांधी के आध्यात्मिक मार्गदर्शन के लिए जाना जाता है। धनखड़ ने कहा, ‘‘दो महान हस्तियों- राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी में एक बात समान है। उन्होंने श्रीमद राजचंद्रजी को प्रतिबिंबित किया है।”
आज के दिन हम क्या देखते हैं?
Temples of democracy that should flourish with debates, dialogue, discussion and deliberation,वहां हम देख रहे हैं – disruption and disturbance! @SRMDharampur pic.twitter.com/JPf8qHyImC
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उन्होंने कहा, ‘‘इस राष्ट्र के विकास का विरोध करने वाली ताकतें और इस देश के उत्थान को पचा न पाने वाली ताकतें एक साथ आ रही हैं। जब भी देश में कुछ अच्छा होता है तो ये लोग एक अलग मुद्रा में आ जाते हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए।” उपराष्ट्रपति ने कहा, “खतरा बहुत बड़ा है। जिन देशों को आप (हमारे) आसपास देखते हैं, उनका इतिहास 300 या 500 या 700 साल पुराना है, (जबकि) हमारा इतिहास 5,000 साल पुराना है।” श्रीमद राजचंद्र मिशन, धरमपुर एक वैश्विक आंदोलन है, जो साधकों के आध्यात्मिक विकास को बढ़ाने और समाज को लाभ पहुंचाने का प्रयास करता है।
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मिशन का अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय गुजरात के धरमपुर में स्थित है। मिशन के कई सत्संग केंद्र, श्रीमद राजचंद्र युवा समूह और श्रीमद राजचंद्र दिव्य स्पर्श केंद्र हैं। श्रीमद राजचंद्रजी और महात्मा गांधी की पहली मुलाकात 1891 में मुंबई में हुई थी, जब वह (गांधी) एक युवा बैरिस्टर के रूप में इंग्लैंड से लौटे थे। सोमवार को मुंबई में हुए समारोह में धनखड़ को सामाजिक उत्थान में उनके योगदान के लिए मिशन के पूज्य गुरुदेवश्री राकेशजी ने जनकल्याण हितैषी पुरस्कार प्रदान किया।
देश में बदलाव शिक्षा, समानता, अच्छे व्यवहार से आता है।
यदि हमारे देश में लोग ठान लें कि सड़क पर हमारा आचरण कानून के अनुरूप होगा, तो दुनिया देखेगी भारत बदल गया है। @SRMDharampur pic.twitter.com/7svo8Hz53Y
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धनखड़ ने कहा, “श्रीमद राजचंद्रजी की महानता ऐसी थी कि उन्होंने महात्मा गांधी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दोनों को प्रेरित किया।” सोमवार के कार्यक्रम में, श्रीमद राजचंद्र मिशन ने महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले और राजस्थान के झुंझुनू जिले में दो मेगा मल्टीस्पेशलिटी चिकित्सा शिविर आयोजित करने की घोषणा की। धनखड़ झुंझुनू जिले के निवासी हैं।
इस बीच, महात्मा गांधी और नरेन्द्र मोदी पर धनखड़ की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, बहुजन समाज पार्टी के सांसद दानिश अली ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर आश्चर्य जताया, “मैं उपराष्ट्रपति से पूछना चाहूंगा कि प्रधानमंत्री की पार्टी (भाजपा) के एक सांसद को एक निश्चित समुदाय को गाली देने की आजादी देकर कौन से नये युग की शुरुआत हुई है।” (एजेंसी)