Bihar News: बिहार में आई फ्लू के मरीजों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. कई लोगों इससे पीड़ित है. मुजफ्फरपुर जिले में 35 फीसदी लोगों को आइ फ्लू हो गया है. इसमें सबसे अधिक 20 फीसदी युवा शामिल है. आई फ्लू के मामले तेजी से बढ़ने के बाद स्वास्थ्य विभाग सजग हो गया है. अब तक की रिपोर्ट के अनुसार जिले के 35 प्रतिशत लोगों को आइ फ्लू हुआ है. इसमें सबसे अधिक 20 प्रतिशत युवा शामिल है, जबकि दस प्रतिशत 45 साल से ऊपर के लोग शामिल हैं. बता दें कि सबसे कम पांच प्रतिशत बच्चों को आइ फ्लू हुआ है.
संक्रमण होने पर चिकित्सक से करें संपर्क
एसीएमओ सुभाष कुमार ने इस मामले में जानकारी दी है. वह बताते है कि जिले के सभी पीएचसी व सीएचसी और सदर अस्पताल के नेत्र विभाग से जो डाटा लिया गया है. उसमें यह बातें सामने आयी है कि जिले में 35 फीसदी लोग आई फ्लू से पीड़ित है. उन्होंने कहा कि पीएचसी व सीएचसी को पत्र जारी कर कहा गया है कि आई फ्लू, के मामले हर दिन कितने आ रहे हैं. इनमें यह भी देखा जाय कि किस इलाके से अधिक केस आ रहे हैं. अगर किसी इलाके से अधिक केस आते हैं तो वहां कैंप लगाये जाये. एसीएमओ ने कहा कि ओपीडी के दवा काउंटर पर आई ड्रॉप उपलब्ध कराया गया है. लोगों की मदद का हर संभव प्रयास किया जा रहा है. वहीं, संक्रमण होने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए.
आंखों को नहीं लगाए हाथ
आई फ्लू के लक्षण की बात करें तो आंखों में तेज खुजली और जलन इसके सामान्य लक्षण हैं. दरअसल कंजक्टिवाइटिस में सूजन की वजह से यह समस्या हो सकती है. अगर आपको लगातार आंखों को रगड़ने या मलने की तीव्र इच्छा हो रही है तो यह कंजेक्टिवाइटिस हो सकता है. हालांकि ध्यान रखें कि इस दौरान आंखों को रगड़ना नहीं है. क्योंकि इससे संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ सकता है. ऐसी परिस्थिति में सावधानी बहुत जरुरी है. आंखों को छूने से बचें. इसे हाथ लगाने से परेशानी बढ़ सकती है. बगैर डॉक्टर के सलाह के दवा लेना भी खतरनाक हो सकता है. इसलिए. इसलिए, चिकित्सक का परामर्श बहुत जरुरी है. चिकित्सत की सलाह से ही दवा लें.
सफाई का रखें ख्याल
संक्रमित मरीज की इस्तमाल की गई चीजों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए. संक्रमित लोगों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तमाल करने से बचना चाहिए. ऐसा करने से दूसरे लोगों में तेजी से आई फ्लू फैल सकता है. आई फ्लू के संक्रमण से बचने के लिए काले चश्मे का प्रयोग किया जा सकता है और आंखों में ठंडा पानी डाले. काला चश्मा लगाने से इसका संक्रेमण दूसरों में फैलने के कम खतरा होता है. यदि आंख को छूते है तो अपनी आंखों को जरुर धो लें. साथ ही तैलिया को साफ रखें और स्वयं ही इसे इस्तमाल करें.
आई फ्लू के बढ़ने से डाक्टरों की भी बढ़ी चिंता
बता दें कि आई फ्लू के फैलने का कारण मौसमी बदलाव है. बारिश और उमस, मानसून में कम तापमान और हाई ह्यूमिडिटी आई फ्लू के फैलने का सबसं बड़ा कारण है. इस कारण बैक्टीरिया और एलर्जी के कांटेक्ट में लोग आ रहे हैं. यही एलर्जी रिएक्शन और आई इनफेक्शन जैसे कंजंक्टिवाइटिस का कारण बन जाते हैं. आंखों में लालीपन, दर्द, सूजन, खुजली, जलन, पानी गिरना, पलकें का चिपक जाना इस बीमारी के लक्षण है. कंजंक्टिवाइटिस, पिंकआई, रेड आई, आखों का आना, लाली आदि आई फ्लू के अलग-अलग नाम है. आई फ्लू का संक्रमण इतनी तेजी से फैल रहा है कि एक व्यक्ति की आंख ठीक नहीं होती कि पूरा परिवार इसकी चपेट में आ रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि एक या दोनों आंखें लाल या गुलाबी रंग जैसी हो जाती है. आंखों से पानी जैसा या गाढ़ा डिस्चार्ज निकलता है. ऐसे में ठंडे पानी से आंख धोने की सलाह दी जाती है. अचानक मरीजों के बढ़ने से डॉक्टरों की भी चिंता बढ़ी है. लोग भी इस कारण परेशान है. वहीं पटना में चिकित्सकों के अनुसार कुल मरीजों में 70 प्रतिशत बच्चे है. ऐसे में सावधानी रखने की सलाह दी जाती है.