4 घंटे पहले
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जल्द ही स्कूलों में फाइनल एग्जाम के बाद दिए जाने वाले रिपोर्ट कार्ड का पैटर्न बदल जाएगा। अब सिर्फ एग्जाम में मिले ग्रेड और मार्क्स के आधार पर रिपोर्ट कार्ड नहीं बनेंगे बल्कि बच्चों के टीचर्स, साथ पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स और पेरेंट्स का फीडबैक भी रिपोर्ट कार्ड में शामिल किया जाएगा। इसे HPC यानी हॉलिस्टिक रिपोर्ट कार्ड का नाम दिया गया है।
नेशनल काउंसिल फॉर एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) की बॉडी PARAKH नए तरह के इस रिपोर्ट कार्ड के पैटर्न पर काम कर रही है। क्लास 1 से लेकर 8 तक के लिए रिपोर्ट कार्ड का नया पैटर्न तैयार कर लिया गया है। वहीं, 9 से 12 तक के स्टूडेंट्स के लिए नए रिपोर्ट कार्ड बनाए जा रहे हैं।
HPC में रिजल्ट की जगह सीखने पर जोर दिया जाएगा
नए हॉलिस्टिक रिपोर्ट कार्ड को नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क फॉर स्कूल एजुकेशन (NCFSE) की सलाह के हिसाब से बनाया जा रहा है। इसे रिजल्ट सेंट्रिक की बजाय लर्नर सेंट्रिक बनाने पर जोर दिया जा रहा है। इसका मतलब है कि रिपोर्ट कार्ड का फोकस परिणामों की बजाय अब सीखने पर होगा। इससे न सिर्फ स्टूडेंट्स का एकेडमिक रिकॉर्ड रखने में मदद मिलेगी बल्कि स्टूडेंट्स खुद भी रिपोर्ट कार्ड मेकिंग प्रोसेस का हिस्सा बन सकेंगे।
स्किल्स का एक्टिविटी बेस्ड टेस्ट लिया जाएगा
इन सभी स्किल्स का एक्टिविटी बेस्ड टेस्ट लिया जाएगा और हर स्टूडेंट को एक्टिविटी के बाद मार्क्स दिए जाएंगे। मार्क्स देने के इस तरीके का इस्तेमाल किया जाएगा :
- मुझे कुछ नया सीखने का मौका मिला।
- मैं अपनी क्रिएटिविटी व्यक्त कर पाया।
- मैंने दूसरों की मदद की।
एक्टिविटी के बाद स्टूडेंट्स खुद को और एक-दूसरे को देंगे रिमार्क
एक्टिविटी पूरी हो जाने के बाद स्टूडेंट को खुद इनमें से किसी भी एक ऑप्शन को टिक करना होगा। इसके अलावा कोई स्टूडेंट चाहे तो किसी और तरीके से भी खुद को रिमार्क दे सकता है। इसके लिए मुझे अपना किया काम पसंद आया, मैंने अपने टीचर के इंस्ट्रक्शन अच्छी तरह फॉलो किए जैसे वाक्यों के आगे हां, नहीं, पता नहीं जैसे रिमार्क भी दे सकते हैं।
एक्टिविटी पूरी होने के बाद स्टूडेंट्स एक दूसरे को भी फीडबैक दे सकेंगे। इसे एक्टिविटी समझ में आई, मेरे क्लासमेट या टीचर ने एक्टिविटी में मेरी मदद की, एक्टिविटी जीतने में मैंने मदद की जैसे इंडिकेटर से खुद को ग्रेड कर सकेंगे।
क्लास 6 से 8 तक के बच्चे खुद सेट करेंगे अपने गोल
क्लास 6 से 8 तक के बच्चों को खुद अपने पर्सनल और प्रोफेशनल गोल सेट करने का मौका भी मिलेगा। इसके साथ ही इन सभी गोल्स को पूरा करने के लिए टाइमलाइन भी स्टूडेंट्स को खुद ही सेट करनी होगी। इसके अलावा नए एकेडमिक ईयर की शुरुआत में स्टूडेंट्स टीचर्स को ये भी बता पाएंगे कि टीचर्स से उनकी क्या अपेक्षाएं हैं और उन्हें मदद की सबसे ज्यादा जरूरत कहां हैं।
रिपोर्ट कार्ड के साथ स्टूडेंट्स को मिलेगा एम्बिशन कार्ड
इस हॉलिस्टिक रिपोर्ट कार्ड के साथ स्टूडेंट्स को एक एम्बिशन कार्ड भी दिया जाएगा। इस कार्ड में स्टूडेंट्स अपने साल भर के गोल सेट करेंगे और इन गोल को पूरा करने के लिए जरूरी आदतें या स्किल्स की लिस्ट भी बनाएंगे।
HPC से बच्चों के स्कूल और घर के बीच बनेगा लिंक
इस कार्ड के साथ स्टूडेंट के स्कूल और घर को भी जोड़ा जा सकेगा। इसमें पेरेंट्स का इनपुट जैसे- बच्चे को होमवर्क करने में कितना टाइम लगता है, क्या परेशानी आती है, क्लास की पढ़ाई उसे कितनी समझ में आती है और बच्चा फोन और बाकी करिकलर एक्टिविटीज में कितना समय देता है जैसी जरूरी चीजों की डिटेल दी जा सकेगी।
दरअसल, मार्च 2023 में NCERT ने टेस्ट के तौर पर नए सिरे से रिपोर्ट कार्ड बनाए जाने की शुरुआत की थी। सितंबर 2023 में NCERT ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्कूलों को HPC रिपोर्ट कार्ड अपनाने के निर्देश दिए थे।
16 राज्यों के CBSE स्कूलों में बनेगा HPC: PARAKH CEO
इस बारे में PARAKH की CEO इंद्राणी भादुड़ी ने कहा- मार्च 2023 में हमनें कुछ सिलेक्टेड स्कूलों के साथ पायलट टेस्ट किया था और अब स्कूलों को हमनें HPC रिपोर्ट कार्ड को अपनाने के निर्देश दिए हैं। स्कूल चाहें तो अपने हिसाब से इसमें जरूरी बदलाव भी कर सकते हैं। रीजनल भाषा में भी HPC तैयार किए जा सकते हैं।
इंद्राणी भादुड़ी ने बताया कि अब 15-16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्कूलों और CBSE स्कूलों में HPC लागू हो चुका है और जल्द ही सभी स्कूलों में इसी पैटर्न के साथ रिपोर्ट कार्ड तैयार किए जाएंगे। सभी राज्यों के स्कूलों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर HPC अपलोड करनी होगी।
फूल, पेड़ और स्माइली से नहीं दिए जाएंगे स्टूडेंट्स को ग्रेड
NCERT के निर्देश के बाद पिछले साल दिसंबर में सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) ने क्लास 1 और क्लास 2 के लिए HPC लागू करने का मॉडल तैयार किया था। इसके हिसाब से 3 से 6 साल की उम्र के बच्चों को बिगनर, प्रोगेसिंग या प्रोफिशिएंट कैटेगरी में रखा गया है। CBSE की HPC में स्टूडेंट्स को न्यूट्रल आइकॉन जैसे- फूल, पेड़ या स्माइली की मदद की ग्रेड देने की बात थी। हालांकि, इसे अपनाया नहीं गया।
स्टूडेंट्स के सभी एकेडमिक डिटेल्स डिजिटली स्टोर होंगे
रिपोर्ट कार्ड के अलावा NCERT ने अलग प्लेटफॉर्म पर स्टूडेंट्स के सभी रिकार्ड्स को डिजिटली स्टोर करने के निर्देश भी दिए हैं। 2022 में सभी राज्यों के स्टूडेंट्स का डिजिटल रिकॉर्ड बनाने के निर्देश दिए गए थे। इसके लिए विद्या समीक्षा केंद्र नाम से सेंट्रल डिजिटल रिपॉजिटरी भी बनाई गई थी। इसमें स्टूडेंट्स की एडमिशन डिटेल्स और लर्निंग में हुई प्रोग्रेस जैसी डिटेल्स शामिल थीं।
स्कूलों को ऑनलाइन अपलोड करना होगा HPC
इस बारे में बात करते हुए इंद्राणी भादुड़ी ने कहा- फिलहाल, स्कूलों में HPC को पेपर में हार्ड कॉपी के तौर पर बनाया जा रहा है। स्कूलों को HPC को विद्या समीक्षा केंद्र पोर्टल पर ऑनलाइन स्कैन करके अपलोड करना होगा। हम स्टूडेंट्स के लिए अलग डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार कर रहे हैं और जल्द ही टीचर्स ये रिकॉर्ड सीधे ऑनलाइन बना सकेंगे।
सेकंडरी क्लासेस के रिपोर्ट कार्ड में बोर्ड रिजल्ट भी होंगे
इसके अलावा सेकेंडरी क्लासेस बदलेगा रिपोर्ट कार्ड का पैटर्न; 6 स्किल्स के एक्टिविटी टेस्ट में ग्रेड देंगे बाकी स्टूडेंट्स और पेरेंट्स के लिए SCERT, स्टेट और सेंट्रल बोर्ड के इनपुट के हिसाब से HPC यानी रिपोर्ट कार्ड तैयार किए जाएंगे। सेकेंडरी क्लासेज के लिए बने HPC स्पेशल होंगे क्योंकि इनमें बोर्ड एग्जाम के रिजल्ट को भी शामिल किया जाएगा।
HPC से स्टूडेंट्स में बढ़ेगा कॉन्फिडेंस
नए रिपोर्ट कार्ड में स्टूडेंट्स खुद को और अपने साथ पढ़ने वाले बाकी स्टूडेंट्स को भी ग्रेड दे सकेंगे। नए रिपोर्ट कार्ड का कॉन्सेप्ट नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP, 2020) के हिसाब से डिजाइन किया गया है। इसकी मदद से स्टूडेंट्स का कॉन्फिडेंस और खुद पर विश्वास बढ़ेगा। स्टूडेंट्स को ये भी बताया जाएगा कि उन्हें कहां सुधार की जरूरत है।