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2 घंटे पहले
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यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) ने PhD एडमिशन के क्राइटेरिया में बदलाव किया है। एकेडमिक सेशन 2024-25 से PhD प्रोग्राम में एडमिशन के लिए नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट (NET) देना जरूरी होगा। ये क्राइटेरिया इसी साल जून में होने वाले NET एग्जाम में भी लागू होगा। JNU स्टूडेंट्स यूनियन ने UGC के इस फैसले की निंदा की है। JNU SU प्रेसिडेंट धनंजय ने ये भी कहा कि इससे यूनिवर्सिटीज की इंपॉर्टेंस कम होगी।
जिन सब्जेक्ट्स में UGC NET नहीं होता, उनमें कैसे होगा PhD
स्टूडेंट यूनियन का कहना है कि कोरियन और लेबर स्टडीज जैसे सब्जेक्ट्स के लिए अलग से UGC NET एग्जाम नहीं होता है। PhD में एडमिशन के लिए NET कंपल्सरी किए जाने के बाद ऐसे स्टूडेंट्स PhD कैसे करेंगे। दरअसल, NTA कुल 83 सब्जेक्ट्स में UGC NET एग्जाम कंडक्ट करता है। हालांकि, कोरियन लैंग्वेज और लेबर स्टडीज जैसे सब्जेक्ट्स के लिए अलग से एग्जाम नहीं लिया जाता।
UGC NET स्कोर के बेसिस पर मिलेगा PhD प्रोग्राम में एडमिशन
UGC के नए सर्कुलर के मुताबिक अब यूनिवर्सिटी लेवल पर होने वाले PhD एंट्रेंस टेस्ट के जरिए PhD प्रोग्राम में एडमिशन नहीं मिलेगा। वहीं, यूनिवर्सिटीज अलग से PhD प्रोग्राम में एडमिशन के लिए एंट्रेंस टेस्ट भी कंडक्ट नहीं कर सकेंगी।
अब NET स्कोर के बेसिस पर ही यूनिवर्सिटीज में PhD में एडमिशन ले सकेंगे। इसी स्कोर के जरिए ही JRF (जूनियर रिसर्च फेलोशिप) और असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए भी सिलेक्शन होगा। इस स्कोर के बेसिस पर 1 साल तक किसी भी यूनिवर्सिटी में PhD प्रोग्राम में एडमिशन के लिए अप्लाय कर सकेंगे।
NET के रिजल्ट के बाद स्कोर के बेसिस पर स्टूडेंट्स को तीन कैटेगरीज में बांटा जाएगा :
कैटेगरी 1 : JRF के साथ असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर अपॉइंटमेंट
कैटेगरी 2 : PhD और असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर अपॉइंटमेंट
कैटेगरी 3 : PhD में एडमिशन
स्टूडेंट्स को नहीं देने होंगे अलग-अलग एंट्रेंस एग्जाम
सिर्फ NET के जरिए PhD प्रोग्राम में एडमिशन से स्टूडेंट्स को अलग-अलग यूनिवर्सिटीज के अलग-अलग PhD एंट्रेंस एग्जाम नहीं देने होंगे। इससे एग्जाम के रजिस्ट्रेशन के लिए लगने वाली फीस की बचत भी होगी। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP, 2020) के तहत एक कॉमन एग्जाम होने से एडमिशन प्रोसेस आसान होगी और स्टूडेंट्स को बार-बार एग्जाम देने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
साल में दो बार एडमिशन लेने का मौका मिलेगा
दरअसल, स्टेट यूनिवर्सिटीज साल में एक बार एंट्रेंस एग्जाम कंडक्ट करती हैं जबकि NET साल में दो बार होता है। इससे स्टूडेंट्स को साल में दो बार PhD एडमिशन के मौके मिलेंगे। NET के रिजल्ट में मार्क्स के साथ परसेंटाइल भी जारी किए जाएंगे।
एडमिशन में NET स्कोर को 70% वेटेज, इंटरव्यू को 30%
अब तक NET स्कोर के बेसिस पर सिर्फ 60% सीटों पर एडमिशन होते थे। बची हुई सीटों पर एडमिशन के लिए यूनिवर्सिटी का एंट्रेंस एग्जाम देना जरूरी होता था। अब PhD एडमिशन के लिए NET क्वालिफाई करना जरूरी होगा। एडमिशन प्रोसेस बदलने के बाद अब NET देने के बाद PhD के लिए एलिजिबिल कैंडिडेट्स को एडमिशन में टेस्ट स्कोर में 70% वेटेज और इंटरव्यू में 30% वेटेज दिया जाएगा। JRF क्वालिफाइड कैंडिडेट्स का सिलेक्शन इंटरव्यू से ही होगा।
स्टूडेंट्स के पास PhD करने के लिए होंगे लिमिटेड ऑप्शन : SFI
NET के जरिए PhD एडमिशन पर स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) ने स्टेटमेंट जारी करते हुए कहा कि PhD के लिए NET कंपल्सरी किए जाने और यूनिवर्सिटी लेवल एंट्रेंस नहीं होने से हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूटट्स और यूनिवर्सिटीज की स्वंत्रता पर नेगेटिव असर पड़ेगा। इसके अलावा स्टूडेंट्स के पास PhD प्रोग्राम में एडमिशन लेने के लिए सिर्फ एक ही तरीका होगा- NET क्वालिफाई करना। अब उनके पास पहले ही तरह कई ऑप्शन नहीं होंगे।
रिसर्च प्रपोजल पर काम करने में कम समय मिलेगा
SFI ने ये भी कहा कि सिर्फ 1 साल के लिए NET स्कोर वैलिड होने से स्टूडेंट्स को PhD के लिए अप्लाय करने और अपने रिसर्च प्रपोजल पर काम करने के लिए कम समय मिलेगा। वहीं, JNU स्टूडेंट यूनियन ने इस बारे में बात करते हुए कहा कि UGC का ये कदम स्टूडेंट्स के हक में नहीं है।
कोरियन लैंग्वेज, लेबर स्टडीज जैसे सब्जेक्ट्स में नहीं होता UGC NET
स्टूडेंट्स का कहना है कि कुछ सब्जेक्ट्स में NET एग्जाम कंडक्ट नहीं होते हैं। ऐसे में स्टूडेंट्स को किसी और सब्जेक्ट में मास्टर्स के बाद NET के लिए अप्लाय करना पड़ता है। फिलहाल, कोरियन लैंग्वेज और लेबर स्टडीज जैसे सब्जेक्ट्स में UGC NET का एग्जाम नहीं होता है।
ऐसे में इन स्टूडेंट्स को सोशियोलॉजी और इकोनॉमिक्स जैसे किसी रिलेटेड सब्जेक्ट में NET एग्जाम देकर PhD में एडमिशन लेना होगा। UGC ने स्टूडेंट्स की जरूरतों को नजरअंदाज करते हुए ये सर्कुलर जारी किया है।
JNU स्टूडेंट यूनियन ने NTA की टेस्ट कंडक्टिंग कैपेसिटी को लेकर भी नाराजगी जाहिर की है। यूनियन का कहना है कि दिसंबर 2018 से NTA UGC NET करा रहा है। इसके बाद से अब तक NTA ने जो पेपर कंडक्ट कराए हैं उनके पेपर लीक होने और एग्जाम में गड़बड़ियों के आरोप लगते रहे हैं।