- Hindi News
- Career
- Educare News Hunger Strike For 20 Days; Demand For Full Statehood For Ladakh, Climate Fast In 0 Degrees; Know Who Is The Real Life Phunsuk Wangadu
1 घंटे पहलेलेखक: जाहिद अहमद
- कॉपी लिंक
सोनम वांगचुक ने लद्दाख के लिए पूर्ण राज्य की मांग को लेकर 6 मार्च से भूख हड़ताल शुरू की। सोनम जीरो (0) डिग्री के तापमान में अपना जलवायु उपवास यानी ‘क्लाइमेट फास्ट’ कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने कहा कि दूसरे आंदोलनकारियों के साथ मिलकर वो बाहरी दुनिया को ‘जमीनी हकीकत’ से रूबरू करने के लिए जल्द ही सीमा मार्च करने वाले हैं। 24 मार्च को कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) ने भी सोनम के साथ विरोध प्रदर्शन और भूख हड़ताल शुरू कर दी है।
सोनम वांगचुक पर बेस्ड है ‘फुंसुक वांगड़ू’
राजकुमार हिरानी की डायरेक्शन में बनी सुपरहिट फिल्म थ्री इडियट्स में आमिर खान का किरदार ‘फुंसुक वांगड़ू’ बहुत मशहूर हुआ था। वो किरदार सोनम वांगचुक पर ही बेस्ड था।
थ्री इडियट्स में आमिर खान का किरदार फुंसुक वांगड़ु (बाएं) और सोनम वांगचुक।
सोनम वांगचुक का जन्म 1 सितंबर, 1966 को लद्दाख के लेह जिले में अलची के पास उलेटोकपो में हुआ था। चूंकि उनके गाँव में बहुत सारे स्कूल नहीं थे, इसलिए वांगचुक को 9 साल की उम्र तक किसी स्कूल में एडमिशन नहीं मिला। उनकी मां ने उन्हें घर पर बेसिक स्टडी कराई। उनके पिता सोनम वांग्याल एक राजनेता थे, जो बाद में राज्य सरकार में मंत्री बने और श्रीनगर में तैनात रहे। 9 साल की उम्र में वांगचुक को श्रीनगर ले जाया गया और वहां एक स्कूल में उनका एडमिशन हुआ।
उन्हें अपने स्कूल में भेदभाव का सामना करना पड़ा, क्योंकि वह अन्य छात्रों की तुलना में अलग दिखते थे और उन्हें ऐसी भाषा में संबोधित किया जाता था जिसे वह नहीं समझते थे। वांगचुक ने 1987 में श्रीनगर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक पूरा किया।
सोलर एनर्जी से चलने वाले SEMCOL की स्थापना की
1988 में सोनम वांगचुक ने अपने भाई और पांच साथियों के साथ स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SEMCOL) की स्थापना की। वांगचुक को SEMCOL कैंपस को डिजाइन करने का श्रेय भी दिया जाता है।
लद्दाख में स्थित SEMCOL कैंपस।
यह सोलर एनर्जी पर चलता है और खाना पकाने, लाइट या हीटिंग के लिए फ्यूल का इस्तेमाल नहीं करता है। जून 1993 से 2005 तक, वांगचुक ने लद्दाख के इकलौते प्रिंट मैग्जीन ‘लाडाग्स मेलोंग’ की स्थापना की और संपादक के रूप में भी काम किया।
सोनम वांगचुक को 2018 में मैगसेसे पुरस्कार से नवाजा गया था।
वे हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स, लद्दाख (HIAL) के डायरेक्टर भी हैं। अब वे शिक्षाविद और पर्यावरणविद की भूमिका भी निभा रहे हैं। उन्होंने लद्दाख के लिए कई आविष्कार किए हैं। इसमें सिंचाई के लिए एक आर्टिफिशियल ग्लेशियर भी शामिल है।
क्या हैं सोनम वांगचुक की डिमांड
सोनम वांगचुक की मांग लद्दाख के लिए पूर्ण राज्य, स्थानीय लोगों के लिए नौकरी में आरक्षण, लेह और कारगिलके लिए एक-एक संसदीय सीट और संविधान की छठी अनुसूची लागू करना है। इसे लेकर वे पिछले 20 दिनों से लेह में शून्य से नीचे के तापमान में भूख हड़ताल पर बैठे हैं। इस तापमान के बावजूद उनके प्रदर्शन में हिस्सा लेने वालों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है।
सोनम वांगचुक की भूख हड़ताल में उमड़ता जनसैलाब।
लद्दाख के समूहों ने हाल ही में केंद्र शासित प्रदेश के लिए राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची का दर्जा देने की अपनी मांग दोहराई। केंद्र को चेतावनी भी दी कि अगर सरकार उनकी बात नहीं सुनती है तो वे अपना आंदोलन तेज करेंगे।