मालदीव
– फोटो : amar ujala graphics
विस्तार
मालदीव देश की संसद में हुई हिंसा के कारण सुर्खियों में है। राष्ट्रपति मुइज्जू की सरकार का समर्थन करने वाले सांसदों ने संसदीय कार्यवाही को बाधित किया। इस कारण मुइज्जू सरकार का बड़ा फैसला संसद में हंगामे की भेंट चढ़ गया। खबरों के मुताबिक मालदीव में संसदीय अनुमोदन पर महत्वपूर्ण मतदान निर्धारित था। ऑनलाइन न्यूज प्लेटफॉर्म- अधाहधू की रिपोर्ट के मुताबिक मालदीव की संसद में सरकारी सांसदों (पीपीएम / पीएनसी पार्टी) के सदस्यों ने संसद और अध्यक्ष की कार्यवाही में बाधा डाली। मुइज्जू सरकार का समर्थन करने वाले पीएनसी सांसद अब्दुल्ला शहीम अब्दुल हकीम और विरोधी दल- एमडीपी के सांसद ईसा के बीच लड़ाई के कारण संसद की कार्यवाही बाधित हुई।
लात-घूंसे चलने की बात सामने आई; एंबुलेंस बुलाने की नौबत आई
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मालदीव की संसद में हंगामे की वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हुई। इसमें शहीम ईसा का पैर पकड़ते और एक साथ गिरते देखे जा सकते हैं। एक अन्य वीडियो में ईसा को शहीम की गर्दन पर लात मारते और बाल खींचते भी देखा गया। वीडियो फुटेज में संसद में मौजूद अन्य सदस्य शहीम को बाहर की तरफ धकेलते देखे गए। स्थानीय मीडिया ने बताया कि संसद सदस्य को चोट भी लगी, जिसके कारण एंबुलेंस बुलानी पड़ी।
Quite violent visuals of physical altercation from Maldives Parliament earlier today as Govt MP uses his head to push opposition a MP. pic.twitter.com/RGg6IS8sva
— Sidhant Sibal (@sidhant) January 28, 2024
राष्ट्रपति के सलाहकार बोले- मंत्रियों को फिर से नियुक्त होने का अधिकार
खबर के मुताबिक मंत्रियों को संसद में दोपहर 1.30 बजे मौजूद रहना था। हालांकि, पीएनसी सदस्यों ने कार्यवाही बाधित की। प्रदर्शनकारियों ने संसद के अध्यक्ष और मंत्रियों को हटाने की मांग भी की। मालदीव में सत्तारूढ़ राष्ट्रपति मुइज्जू की गठबंधन सरकार में शामिल दलों- पीएनसी और पीपीपी ने भी संसद में हिंसा और हंगामे पर बयान जारी किया। मुइज्जू के मुख्य सलाहकार और पीएनसी के अध्यक्ष अब्दुल रहीम अब्दुल्ला ने कहा कि मंत्रियों को फिर से नियुक्त होने का अधिकार है। उन्होंने मंत्रियों की तरफ से मंजूरी न दिए जाने को गैरजिम्मेदाराना करार दिया।
बता दें कि मालदीव के दो विपक्षी दल मौजूदा शासन की नीतियों के खिलाफ जमकर बयान दे रहे हैं। मुइज्जू शासन के भारत विरोधी रुख को लेकर मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) और डेमोक्रेट्स ने संयुक्त बयान जारी किया। इन दलों ने विदेश नीति में बदलाव को मालदीव के दीर्घकालिक विकास के लिए ‘बेहद हानिकारक’ करार दिया।
Elect a Clown @MMuizzu , expect a Circus.
Kalesh inside Maldives Parliament. Ruling party members preventing the speaker from continuing the session amid vote on the approval of Muizzu’s Cabinet 😂 pic.twitter.com/i89VUgBP6I— BALA (@erbmjha) January 28, 2024
विपक्ष ने इस बात पर जोर दिया कि मालदीव की स्थिरता और सुरक्षा के लिहाज से हिंद महासागर में स्थिरता महत्वपूर्ण है। एमडीपी और डेमोक्रेट दोनों ने मालदीव के लोगों के लाभ के लिए सभी भागीदारों के एकसाथ काम करने की जरूरत बताई। विपक्षी दलों ने मुइज्जू को याद दिलाया कि मालदीव ने पारंपरिक रूप से सहयोग जारी रखा है।