- अदालत से बरी होने के बाद,विदेशी नागरिकों का ठिकाना पुलिस स्टेशन
- मौजूदा इमारत की 30 कमरों में ATS, QRT, SRPF का कब्जा
मुंबई: मुंबई (Mumbai) के परेल स्थित भोईवाड़ा पुलिस स्टेशन के बगल में जल्द ही “डिटेंशन सेंटर” (Detention Center) का निर्माण किए जाने के संकेत मिले हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि प्रस्ताव अंतिम चरण में है। क्योंकि लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने डिटेंशन सेंटर इमारत के पुनर्गठन के लिए गृह विभाग को 5 करोड़ रुपये से अधिक का कोटेशन भेजा है। बता दें कि, लगभग एक दशक पहले दो पाकिस्तानी नागरिकों को छह महीने तक मुंबई एक पुलिस स्टेशन में रखना पड़ा था, दोनों को एक मुकदमे में पुलिस ने गिरफ्तार किया था और बाद में दोनों को अदालत ने बरी कर दिया था, चूंकि उनका वीज़ा (Visa) समाप्त हो गया था, इसलिए उन्हें तब तक पुलिस स्टेशन में रखना पड़ा।
कैदी विनिमय कार्यक्रम के तहत उन्हें उनके देश वापस नहीं भेजा जा सका था। भविष्य में ऐसी स्थिति से बचने और विदेशी नागरिकों को पुलिस स्टेशन में रखने की बजाए उन्हें किसी सुरक्षित स्थान पर रखने के लिए, डिटेंशन सेंटर इमारत निर्माण करने का प्रस्ताव भेजा गया था जिसे मंजूरी मिल गई है।
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एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि, इस डिटेंशन सेंटर इमारत में करीब 150 विदेशी नागरिकों को रखा जा सकता है। इनके लिए कैरम, टेलीविजन, शतरंज, वॉलीबॉल, जिम, स्कूल और पुस्तकालय जैसी मनोरंजक गतिविधियां स्थापित करने का प्रस्ताव दिया गया है। इन्होने बताया कि, हालांकि एक ढांचा तैयार है जो ग्राउंड प्लस यानी दो मंजिला है, लेकिन हमें गृह मंत्रालय द्वारा निर्धारित विदेशी अधिनियम के आदेश के अनुसार पूरे परिसर का नवीनीकरण करना होगा।
इस इमारत में 30 कमरे हैं, जिनमें से 18 पर महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस),10 पर क्विक रिस्पॉन्स टीम (क्यूआरटी),2 पर राज्य रिजर्व पुलिस बल (एसआरपीएफ) का कब्जा है। एक बार प्रस्ताव पारित हो जाने के बाद, संबंधित अधिकारियों को इमारत खाली करने के लिए कहा जाएगा और उन्हें वैकल्पिक कार्यालय प्रदान किया जाएगा, जिसके बाद पीडब्ल्यूडी नवीनीकरण का काम शुरू करेगा।
वर्तमान में मुंबई या राज्य में कहीं भी ऐसी कोई सुविधा नहीं है, जहां ऐसे लोगों को रखा जा सके, इसके लिए एक डिटेंशन सेंटर आवश्यक है। क्योंकि कई मामलों में जो लोग वीजा मानदंडों का उल्लंघन करते हुए पाए जाते हैं वे आपराधिक नहीं हैं और उन्हें जेल में बंद नहीं किया जा सकता है।
वर्तमान में कहां रहते है विदेशी नागरिक
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, वर्तमान में ऐसे निर्वासन मामले में उस विदेशी नागरिक को कहां रखना है, यह उस व्यक्ति की पर्सनालिटी पर निर्भर करता है। क्योंकि कुछ मामलों में पुलिस नोटिस देकर उन्हें हर दिन पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट करने के लिए कहती है या फिर उन्हें निर्वासन की औपचारिकता पूरी होने और वापस भेजे जाने तक पुलिस स्टेशन में ही रखती हैं। यदि व्यक्ति बेहद कुख्यात है और उसे जारी किए गए दिशानिर्देशों का वो पालन नहीं करता है, तो हम उसके खिलाफ विदेशी अधिनियम के तहत मामला दर्ज करते हैं।
एमएसएफ के हाथों में डिटेंशन सेंटर की सुरक्षा
डिटेंशन सेंटर की सुरक्षा, महाराष्ट्र सुरक्षा बल (एमएसएफ) द्वारा सिक्योरिटी प्रदान की जाएगी, डिटेंशन सेंटर की निगरानी पुलिस उपायुक्त (विशेष शाखा II) द्वारा की जाएगी। क्योंकि यह विदेशी नागरिकों के दस्तावेजों से संबंधित मुद्दों से भी निपटता है। डीसीपी का कार्यालय संबंधित देशों के वाणिज्य दूतावासों के संपर्क में रहेगा, सभी औपचारिकताएं पूरी करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि बंदियों को उनके देशों में वापस भेज दिया जाए।
जेल नहीं, वीजा उल्लंघनकर्ताओं ठिकाना
डिटेंशन सेंटर जेल नहीं है और जेल कर्मचारियों को वहां तैनात नहीं किया जाएगा, केवल उन्हीं लोगों को हिरासत में लिया जाएगा जो अपने वीज़ा से अधिक समय तक रुके हुए पाए जाएंगे। और उन्हें तब तक वहीं रखा जाएगा जब तक कि उल्लंघनकर्ता को उसके देश वापस नहीं भेज दिया जाता है। अधिकारियों ने संबंधित देश के वाणिज्य दूतावास और बंदी के बीच एक निजी बैठक के लिए एक कमरा आवंटित करने का भी निर्णय लिया है।