Bulandshahr: PM Modi
– फोटो : Amar Ujala/Rahul Bisht
विस्तार
प्रधानमंत्री मोदी ने राम मंदिर के शुभारंभ के बाद लोकसभा चुनावों की तैयारी का बिगुल फूंक दिया है। मोदी उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनावों की तैयारी का आगाज गुरुवार से बुलंदशहर से करने जा रहे हैं। ठीक 10 साल पहले 2014 के लोकसभा के चुनावों में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनावों का सियासी बिगुल उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर से ही फूंका था। इसीलिए कहा यही जा रहा है कि 2014 की तरह प्रधानमंत्री मोदी बुलंदशहर को न सिर्फ शुभ मान रहे हैं, बल्कि चुनावी जनसभाओं की शुरुआत भी यहीं से कर रहे हैं। गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से प्रदेश को बड़ी सौगातें भी देंगे। पश्चिम उत्तर प्रदेश की जनसभा के बाद प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और आजमगढ़ में कराए जाने की तैयारी चल रही है।
25 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले से अरबों रुपयों की बड़ी सौगात देने वाले हैं। इसके लिए भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बड़ी तैयारी भी शुरू कर दी है। भाजपा के रणनीतिकारों की मानें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनावों के नजरिए से उत्तर प्रदेश में धुआंधार प्रचार का पूरा प्लान बना लिया है। इसी कड़ी में पहला कार्यक्रम उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में तय हुआ है। सियासी जानकार और वरिष्ठ पत्रकार बृजेंद्र शुक्ला कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से जनसभा की शुरुआत करना और प्रदेश को अरबों की सौगात देना महज सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा नहीं है। वह कहते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ने कल्याण सिंह के इसी गढ़ से 2014 में लोकसभा चुनाव की रैलियों का सियासी आगाज किया था। उसके बाद उत्तर प्रदेश में भाजपा को बंपर सफलता मिली थी और केंद्र में भाजपा की सरकार बनी थी।
बृजेंद्र शुक्ला कहते हैं कि सियासत में जगह, मुहूर्त, काल और शगुन-अपशगुन को परोक्ष या अपरोक्ष रूप से खूब तवज्जो दी जाती है। क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी की 2014 में बुलंदशहर की गई जनसभा के बाद भाजपा न सिर्फ सत्ता में आई, बल्कि बंपर बहुमत के साथ अभी तक केंद्र में आसीन है। इसलिए संभव है भाजपा ने उसी शुभ शगुन के आधार पर एक बार फिर से लोकसभा चुनावों के आगाज के लिए उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर को ही प्रधानमंत्री की रैली के लिए चुना। दरअसल बुलंदशहर से पहले पीएम की यह जनसभा अलीगढ़ में प्रस्तावित थी। लेकिन बाद में इसे बुलंदशहर किया गया। हालांकि सियासी जानकारों का कहना है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहर बुलंदशहर से प्रधानमंत्री की जनसभा का होना सिर्फ एक जिले ही नहीं, बल्कि समूचे पश्चिम उत्तर प्रदेश को साधने जैसा है।