मौसम विभाग के अनुसार बिहार में चार अक्तूबर तक माॅनसून के सक्रिय बने रहने के आसार हैं. आइएमडी के पूर्वानुमान के मुताबिक बुधवार को विशेष रूप से दक्षिण मध्य बिहार के पटना, गया, नालंदा, शेखपुरा, नवादा, बेगूसराय, लखीसराय और जहानाबाद के क्षेत्रों में अच्छी बारिश होने की संभावना है. कुछ जगहों पर भारी बारिश भी हो सकती है. आइएमडी के मुताबिक सुपौल, अररिया, किशनगंज, मधेपुरा, सहरसा, पूर्णिया और कटिहार में भी अच्छी बारिश के आसार हैं. आइएमडी के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी आशीष कुमार के मुताबिक पांच अक्तूबर से बारिश काफी कम हो जायेगी. उम्मीद है कि पूर्व निर्धारित तिथि में माॅनसून बिहार से लौट सकता है. 10 अक्तूबर के पहले माॅनसून के लौटने की पूरी संभावना है. इस माह तीन दिनों में बिहार में 43 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है, जो इस समयावधि में सामान्य से 300 प्रतिशत अधिक है.
मोक्षधाम गया में रूक-रूक हुई बारिश
28 सितंबर से शुरू 17 दिवसीय त्रिपाक्षिक श्राद्ध के पांचवें दिन मंगलवार को हजारों श्रद्धालुओं ने पितरों की मोक्ष प्राप्ति व उनके उद्धार की कामना को लेकर ब्रह्म सरोवर, कागबलि, आम्र सिंचन व गो प्रचार वेदी स्थलों पर अपने कुल पंडा के निर्देशन में पिंडदान, श्राद्धकर्म व तर्पण का कर्मकांड पूरा किया. वायु पुराण व अन्य हिंदू धार्मिक ग्रंथों अनुसार इन वेदी स्थलों पर पिंडदान श्राद्धकर्म व तर्पण का कर्मकांड करने वाले श्रद्धालुओं के पितर मोक्षगामी हो जाते हैं. साथ ही उनका उद्धार हो जाता है. वहीं कर्मकांड कर रहे श्रद्धालुओं को पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है. रुक-रुक कर हो रही बारिश के बीच भी पितरों के प्रति श्रद्धालुओं की आस्था देखती बनी. इन वेदी स्थलों पर सूर्योदय के साथ पिंडदानियों के आने का सिलसिला जो शुरू हुआ व सूर्यास्त तक जारी रहा.
जगह व यातायात व्यवस्था को देखते हुए इन वेदी स्थलों के अलावा भी काफी श्रद्धालुओं ने अपने कुल पंडा के आवासों व धर्मशालाओं में भी विधान के तहत पांचवें दिन का कर्मकांड संपन्न किया. ब्रह्म सरोवर के चारों तरफ बने चबूतरे पर पूरे दिन 10 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने अपने पितरों के उद्धार के लिए पिंडदान, श्राद्धकर्म व तर्पण का कर्मकांड पूरा किया. इसके बाद इसी परिसर में स्थित कागबलि वेदी पर श्रद्धालुओं ने उड़द के आटे की बनी पिंड की बलि दी. मान्यता है कि यह बलि धर्मराज व यमराज को उनके कुत्तों व कौओं के लिए दी जाती है. इससे पितरों को बुरे कर्म से मुक्ति मिल जाती है. इसके बाद श्रद्धालुओं ने आम्र सिंचन वेदी स्थल पर स्थित आम के पौधे में जल अर्पित कर अपना कर्मकांड पूरा किया.
मान्यता के अनुसार आम के पौधे में जल अर्पण करने वाले श्रद्धालुओं के पितरों की प्यास बुझ जाती है. यहां से पिंडदानी अपने पितरों को ब्रह्मलोक की प्राप्ति के लिए गो प्रचार वेदी पर पिंडदान का कर्मकांड पूरा किया. पुजारी गोविंद लाल महुआर ने बताया कि ब्रह्मा जी सभी देवताओं के साथ गयाजी में जब यज्ञ के लिए आये थे, तब उन्होंने ब्राह्मणों को सवा लाख गौ दान किये थे. इस वेदी स्थल पर गौ के बने खूर के निशान इसका प्रमाण हैं. उन्होंने बताया कि गो प्रचार वेदी पर पिंडदान करने वाले श्रद्धालुओं के पितरों की आत्मा को जीवन-मरण से छुटकारा मिल जाता है.
मूसलाधार बारिश से सुवरन नदी में आया उफान
भभुआ में पिछले तीन दिनों से रुक-रुककर जारी भारी और मध्यम बारिश से सुवरन नदी सहित इसकी सहायक नदियों में बाढ़ आ गया. एकाएक बढ़े नदी के पानी से भगवानपुर में कस्तूरबा विद्यालय सहित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आदि नदी के पानी में समा गये. इसके चलते कस्तूरबा विद्यालय में पढ़नेवाली लड़कियों को वहां से पुलिस और ग्रामीणों द्वारा रेस्क्यू किया गया. सुवरन नदी में अचानक आयी बाढ़ और स्कूल, अस्पताल सहित लोगों के मकान के डूबने की सूचना पर मंगलवार सुबह डीएम सावन कुमार और एसपी ललित मोहन शर्मा सहित आलाधिकारियों की टीम भगवानपुर पहुंची. यहां अधिकारियों के निगरानी में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया.-
विद्यालय, अस्पताल सहित कई मकान बाढ़ के पानी में डूबे
इधर,सुवरन नदी में आये उफान से नदी के किनारे स्थित डीएवी स्कूल सहित आसपास के मकानों तक पानी पहुंच गया. पानी के स्कूल तक पहुंचने और तेज बहाव के चलते डीएवी स्कूल में एक्जाम के बावजूद छुट्टी करनी पड़ी और डीएवी स्कूल से बच्चों का रेस्क्यू किया गया. स्थानीय लोगों चंदन सिंह, अनवर इद्रीशी, राजकुमार गुप्ता आदि ने बताया कि सोमवार रात को तेज हवा के साथ काफी बारिश हुई, जिसके चलते नदी का एकाएक पानी बढ़ गया. नदी का जलस्तर इतना बढ़ा है की बगल के घर व स्कूलों में पानी से भर गया है. फिलहाल नदी का जल स्तर बढ़ने से खतरा बना हुआ है.
उधर, भगवानपुर थाना क्षेत्र के भगवानपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सुवरन नदी का इतना जलस्तर बढ़ा की एक मंजिला छत से मात्र तीन फुट पानी नीचे है, उसमें सभी मरीजों को स्थानीय लोगों द्वारा बेड व घरेलू उपचार से नाव बना कर पानी से बाहर निकाला गया. जबकि, भगवानपुर कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में भी पानी भर जाने से काफी परेशानियां हुई. वहां के भी छात्राओं को नाव के माध्यम से बाहर निकाला गया. पढ़ौती पंचायत सरकार भवन भी सुवरन नदी का जलस्तर बढ़ने से डूब गया. इसके चलते भवन में चलनेवाले सभी कार्यालय को बंद कर दिया गया. जबकि, बाढ़ के चलते फिलहाल भगवानपुर पीएचसी के मरीज व कर्मियों और कस्तूरबा विद्यालय के छात्राओं को एहतियातन जिला प्रशासन द्वारा दूसरे जगह शिफ्ट किया जा रहा है.
लगातार बारिश से दुर्गावती नदी का बढ़ा जलस्तर
मोहनिया में पिछले तीन दिनों से हो रही बारिश के बाद किसानों के चेहरे तो खिल गये है, लेकिन दुर्गावती नदी में एकाएक जल स्तर मंगलवार को बढ़ गया. इससे नदी के किनारे स्थित गांव के लोग चिंतित है कि कही अब बारिश हुई तो घर तक पानी न पहुंच जाये. इधर लगातार बारिश से मौसम सुहाना रहा, तो गर्मी से भी लोगों को निजात मिली.
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