- सटीक डेटा के लिए सेंसर स्थापित करने पर जोर
नवभारत न्यूज नेटवर्क
मुंबई: मुंबई (Mumbai) में वायु प्रदूषण (Air Pollution) बढ़ता जा रहा है। प्रदूषण नियंत्रण के लिए बीएमसी (BMC) प्रशासन कई उपाय किए हैं, लेकिन अभी तक समाधान नहीं निकल सका है। इसी बीच महानगर में स्थापित वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) मॉनिटरिंग स्टेशनों (Monitoring Stations) से मिलने वाले डेटा पर भी सवाल उठने हैं। सटीक जानकारी प्राप्त करने के लिए बीएमसी प्रशासन ने अब एक्यूआई मॉनिटरिंग स्टेशनों की जगह (Location) बदलने (Change) का फैसला किया है। इसके अलावा एक्यूआई की सटीक जानकारी प्राप्त करने के लिए सेंसर स्थापित करने का निर्णय लिया गया है।
मशीनें गलत जगह पर लगाई गई
बीएमसी का मानना है कि वास्तविक और सटीक वायु गुणवत्ता मापने के लिए एक्यूआई मॉनिटरिंग स्टेशनों को सही स्थानों पर स्थापित करने की आवश्यकता है। बीएमसी अधिकारियों के मुताबिक मशीनें गलत जगह पर लगाई गई हैं। इसलिए उनसे सही एक्यूआई नहीं मिल पाता है, जिससे एक्यूआई की सटीक गणना प्रभावित होती है। मुंबई में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए बीएमसी ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसमें 27 नियम शामिल हैं। बीएमसी का पर्यावरण विभाग वायु प्रदूषण को कम करने के लिए काम कर रहा है। बीएमसी के अधिकारियों उन स्थानों का निरीक्षण किया, जहां एयर मॉनिटरिंग मशीनें लगाई गई हैं। उन्होंने पाया कि उन्हें गलत स्थानों पर स्थापित किया गया है, जो उच्च वायु प्रदूषण माप को दर्शाते हैं।
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इस वजह से एक्यूआई मशीनों पर उठे सवाल
बीएमसी अधिकारियों के अनुसार जांच में पाया गया कि एक होटल की चिमनी के बाहर मशीन स्थापित की गई है। रसोई का पूरा धुआं मशीन पर बहता है, इसलिए एक्यूआई अधिक दर्शाता है। इसी तरह मरोल क्षेत्र में एक टाइल्स काटने की कार्यशाला थी, जो धूल पैदा कर रही थी, जब बीएमसी ने उस कार्यशाला को बंद करा दिया, तो मरोल में एक्यूआई नीचे गिर गया। भांडुप में उच्च एक्यूआई दर्ज हो रहा था। जांच में पाया गया कि निर्माण स्थल के कुछ श्रमिकों और चौकीदारों ने एक्यूआई मशीन के नीचे अलाव जलाया था। ऐसे कई मामले सामने आए हैं। इसलिए मशीनों का स्थान बदलने की जरूरत है।
4 से 5 किलोमीटर के दूरी पर स्थापित किए जाएंगे सेंसर
बीएमसी अधिकारियों के मुताबिक प्रदूषण नियंत्रण के लिए सटीक गणना की आवश्यकता है। सही जानकारी मिलने पर समस्या का समाधान निकालने में आसानी होगी। इसके लिए सेंसर स्थापित करने की योजना है। महानगर में 4 से 5 किलोमीटर के अंतराल पर सेंसर स्थापित किए जाएंगे। इससे प्राप्त होने वाली जानकारी के आधार पर, उस इलाके में प्रदूषण की समस्या का हल निकाला जाएगा। सेंसर स्थापित करने के लिए कानपुर आईआईटी की मदद ली जाएगी।
– मुंबई में 28 एक्यूआई मॉनिटरिंग मशीन हैं
– बीएमसी की स्वामित्व वाली सिर्फ 5 मशीनें
– शेष 23 मशीनों के आकड़ों से बीएमसी सहमत नहीं