पुणे: डॉ। भानुबेन नानावती कॉलेज ऑफ आर्किटेक्चर महिलाओं के लिए (बीएनसीए) ने हाल ही में निर्मित पर्यावरण और परे: सिद्धांत और अभ्यास पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया। सम्मलेन में। वैशाली अंगल, धारित्री वानखेड़े, अमिता प्रधान, संजीवनी पेंडसे सहित 29 विद्वानों और 13 अध्येताओं ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए, एक बयान जारी किया गया। बीएनसीए कहा।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध वास्तुकार और वास्तुकला और योजना विभाग के प्रोफेसर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) खड़गपुर, डॉ. जॉय सेन और वास्तुकार हबीब खान अध्यक्ष, वास्तुकला परिषद (सीओए) ने मुख्य भाषण प्रस्तुत किया। राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन डॉ. अनुराग कश्यप, प्रिंसिपल बीएनसीए। सम्मेलन के संयोजक डॉ. आरती वर्मा व सह संयोजक डॉ. इस मौके पर अमृता गरुड़ मौजूद रहीं।
कश्यप ने कहा कि बीएनसीए में 18 शिक्षण प्रोफेसरों और 37 शोध प्रोफेसरों के साथ बहु-विषयक आधार पर वास्तुकला में शोध करने की संस्कृति विकसित की जा चुकी है। इसी आधार पर हमने स्थानीय स्तर पर, फिर राष्ट्रीय और अंत में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शोध केंद्र शुरू करने का व्यापक लक्ष्य रखा है। यह राष्ट्रीय सम्मेलन इसी पहल की शुरुआत है।
सेन ने निर्मित पर्यावरण में वास्तुकला योजना पर अनुसंधान के दायरे के विषय पर बोलते हुए कहा कि आधुनिक मनोविज्ञान और विज्ञान भारतीय ज्ञान प्रणाली के करीब आ रहे हैं। इसने दुनिया को यह समझने के लिए प्रेरित किया है कि हमें अपने प्रतिमान को इस तरह से डिजाइन करना होगा कि हमारी वास्तुकला और योजना माप, कोडिंग और अजगर से कहीं अधिक दे और लोगों, संस्कृति और पारिस्थितिक तंत्र को समझने के बारे में है, बयान जोड़ा गया।
आर्किटेक्ट हबीब खान ने कहा कि एक तरफ तो विदेशों में वास्तुकला सिखाने वाले विश्वविद्यालय भारत आ रहे हैं लेकिन दूसरी तरफ हमें विदेश जाकर पढ़ने वाले बुद्धिमान छात्रों को नहीं खोना चाहिए। इसके विपरीत आने वाले दो दशकों में हमें अपनी वास्तु शिक्षा में क्रांतिकारी परिवर्तन करना चाहिए और ऐसे आर्किटेक्ट तैयार करने का प्रयास करते रहना चाहिए जो हमारे देश के लिए काम करें।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध वास्तुकार और वास्तुकला और योजना विभाग के प्रोफेसर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) खड़गपुर, डॉ. जॉय सेन और वास्तुकार हबीब खान अध्यक्ष, वास्तुकला परिषद (सीओए) ने मुख्य भाषण प्रस्तुत किया। राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन डॉ. अनुराग कश्यप, प्रिंसिपल बीएनसीए। सम्मेलन के संयोजक डॉ. आरती वर्मा व सह संयोजक डॉ. इस मौके पर अमृता गरुड़ मौजूद रहीं।
कश्यप ने कहा कि बीएनसीए में 18 शिक्षण प्रोफेसरों और 37 शोध प्रोफेसरों के साथ बहु-विषयक आधार पर वास्तुकला में शोध करने की संस्कृति विकसित की जा चुकी है। इसी आधार पर हमने स्थानीय स्तर पर, फिर राष्ट्रीय और अंत में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शोध केंद्र शुरू करने का व्यापक लक्ष्य रखा है। यह राष्ट्रीय सम्मेलन इसी पहल की शुरुआत है।
सेन ने निर्मित पर्यावरण में वास्तुकला योजना पर अनुसंधान के दायरे के विषय पर बोलते हुए कहा कि आधुनिक मनोविज्ञान और विज्ञान भारतीय ज्ञान प्रणाली के करीब आ रहे हैं। इसने दुनिया को यह समझने के लिए प्रेरित किया है कि हमें अपने प्रतिमान को इस तरह से डिजाइन करना होगा कि हमारी वास्तुकला और योजना माप, कोडिंग और अजगर से कहीं अधिक दे और लोगों, संस्कृति और पारिस्थितिक तंत्र को समझने के बारे में है, बयान जोड़ा गया।
आर्किटेक्ट हबीब खान ने कहा कि एक तरफ तो विदेशों में वास्तुकला सिखाने वाले विश्वविद्यालय भारत आ रहे हैं लेकिन दूसरी तरफ हमें विदेश जाकर पढ़ने वाले बुद्धिमान छात्रों को नहीं खोना चाहिए। इसके विपरीत आने वाले दो दशकों में हमें अपनी वास्तु शिक्षा में क्रांतिकारी परिवर्तन करना चाहिए और ऐसे आर्किटेक्ट तैयार करने का प्रयास करते रहना चाहिए जो हमारे देश के लिए काम करें।
.
I am the founder of the “HINDI NEWS S” website. I am a blogger. I love to write, read, and create good news. I have studied till the 12th, still, I know how to write news very well. I live in the Thane district of Maharashtra and I have good knowledge of Thane, Pune, and Mumbai. I will try to give you good and true news about Thane, Pune, Mumbai, Education, Career, and Jobs in the Hindi Language.