आखरी अपडेट: 24 दिसंबर, 2022, 18:50 IST
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को निर्देश दिया है कि लखनऊ यूनिवर्सिटी के टीचिंग स्टाफ की रिटायरमेंट की उम्र 62 से बढ़ाकर 65 साल की जाए (फाइल फोटो)
उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ के न्यायमूर्ति ओपी शुक्ला ने फैसले को लागू करने के लिए नियमों में आवश्यक बदलाव करने के लिए सरकार को तीन महीने का समय दिया।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया है कि लखनऊ विश्वविद्यालय के शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु 62 से बढ़ाकर 65 वर्ष की जाए।
उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ के न्यायमूर्ति ओपी शुक्ला ने फैसले को लागू करने के लिए नियमों में आवश्यक बदलाव करने के लिए सरकार को तीन महीने का समय दिया।
यह आदेश प्रेम चंद्र मिश्रा और अन्य द्वारा दायर याचिका पर पारित किया गया था।
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याचिकाकर्ताओं की ओर से यह प्रस्तुत किया गया था कि केंद्र सरकार ने पहले ही निर्णय लिया था कि केंद्र द्वारा वित्तपोषित उच्च और तकनीकी शिक्षण संस्थानों के शिक्षण कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु को 65 वर्ष तक बढ़ाया जाना चाहिए।
उसके बाद विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने 2010 में विश्वविद्यालयों को केंद्र के फैसले को लागू करने का निर्देश दिया था।
याचिकाकर्ताओं ने कहा कि यूजीसी के नियम लखनऊ विश्वविद्यालय पर भी लागू होते हैं, लेकिन वह इस फैसले को लागू नहीं कर रहा है।
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(यह कहानी News18 के कर्मचारियों द्वारा संपादित नहीं की गई है और एक सिंडिकेटेड समाचार एजेंसी फीड से प्रकाशित हुई है)
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